उन्होंने आईएएनएस से कहा, “कांग्रेस पार्टी इस परिणाम का अध्ययन करेगी और देखेगी कि कहां कमी रह गई। अगर कमी नहीं होती, तो हम चुनाव आसानी से जीतते। चाहे वह समन्वय की कमी हो, शिकायतों का अभाव हो या कोई अन्य कारण। जब तक हम किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंचे, तब तक कुछ कहना मुश्किल है।”
क्या कांग्रेस हरियाणा में ओवर कॉन्फिडेंस का शिकार हुई? इस पर उन्होंने कहा, “यह भी एक कारण हो सकता है। इस पर हम चर्चा करेंगे, लेकिन जैसे मैंने कहा, अभी किसी निष्कर्ष पर पहुंचना मुश्किल है। आज कांग्रेस पार्टी अपने नेताओं और पार्टी के स्थानीय सदस्यों से बात करेगी। पर्यवेक्षकों से भी बातचीत की जाएगी और यह पता लगाया जाएगा कि कमी कहां रह गई। साथ ही हम अपनी पार्टी के अंदर भी मूल्यांकन करेंगे। हाईकमान ऐसी व्यवस्था बनाएगा, ताकि हम समझ सकें और महाराष्ट्र और झारखंड के चुनावों में इन कमियों को दूर कर सकें।”