इस एल्बम में भारतीय शास्त्रीय और फिल्म इंडस्ट्री से जुड़े नामचीन कलाकारों की आवाज है। इनमें पद्म श्री उस्ताद अहमद हुसैन, पद्म श्री कविता कृष्णमूर्ति, शान, मुस्कान, पापोन, पद्मश्री हरिहरन, पद्मश्री अनूप जलोटा, मोहम्मद वकील, सायली कांबले और नीति दिनेश जैन शामिल हैं।
साजिद-वाजिद ने इसका संगीत रचा है तो नदीम अख्तर ने इसका निर्देशन किया है। ‘जश्न-ए-गजल’ संगीत के सुरीले सफर पर ले जाने का नाम है। ये दस गजलें सबके लिए है और हर पीढ़ी और वर्ग को रूहानी सुकून पहुंचाने वाली हैं।
इसमें शास्त्रीय संगीत की गहराई भी है तो पॉपुलर म्यूजिक का पुट भी। कोशिश है कि गजल के मुरीदों को और नई पीढ़ी को दिल तक पहुंचने वाली कला से रूबरू कराया जा सके।
इस अवसर पर साजिद खान ने कहा, मेरे भाई वाजिद सिर्फ संगीत में मेरे साथी ही नहीं थे, बल्कि मेरे एंकर, मेरे मार्गदर्शक और मेरे सबसे बड़े समर्थक भी थे। आज उनके जन्मदिन पर उन्हें याद करते हुए, मैं कुछ ऐसा करना चाहता था जो संगीत के प्रति उनके जुनून और सदाबहार धुनों के प्रति हमारे प्यार को दर्शाता हो। जश्न-ए-गजल उस बंधन का जश्न है। मुझे उम्मीद है कि ये गजलें सभी को उतनी ही पसंद आएंगी जितनी मुझे पसंद हैं।
बता दें कि वाजिद खान का जून 2020 में कोविड-19 महामारी के दौरान निधन हो गया था। वाजिद के इंतकाल के बाद साजिद ने अपने नाम के साथ वाजिद को बनाए रखा। अब भी वो साजिद वाजिद के नाम से ही धुनें बनाते हैं।
यह एल्बम तालीम म्यूजिक के यूट्यूब चैनल पर स्ट्रीम किया जाएगा।