महिला डॉक्टर का शव 9 अगस्त को अस्पताल के सेमिनार रूम में मिला था। घटनाक्रम से अवगत सूत्रों ने बताया कि उस समय अस्पताल में ड्यूटी पर मौजूद इन चार पुलिसकर्मियों का बयान जांच अधिकारियों के लिए बेहद महत्वपूर्ण है, ताकि शव मिलने के बाद सबूतों के साथ हुई संभावित छेड़छाड़ के बारे में स्पष्ट जानकारी मिल सके।
जांच अधिकारी एक महिला पुलिसकर्मी समेत इन चार पुलिसकर्मियों से पहले ही पूछताछ कर चुके हैं। उन्होंने उनसे पूछा था कि 9 अगस्त की सुबह पीड़िता के शव के पास उन्होंने किस तरह की गतिविधियां देखीं और क्या उन्हें इस मामले में अपने उच्च अधिकारियों से कोई आदेश या निर्देश मिला था। यदि जरूरी हुआ तो इन चारों पुलिसकर्मियों से दोबारा पूछताछ की जाएगी।
सूत्रों ने बताया कि जांच अधिकारी फिलहाल आरजी कर अस्पताल में लगे सीसीटीवी के फुटेज पर ध्यान केंद्रित कर रहे हैं। ये फुटेज उन्हें कोलकाता पुलिस से मिले थे। पुलिस ने मामले की शुरुआती जांच की थी।
सूत्रों ने बताया कि इस मामले में जांच अधिकारियों के सामने चुनौती यह है कि क्या सीसीटीवी फुटेज के साथ भी कोई छेड़छाड़ की गई थी।
सीबीआई ने शुक्रवार को कोलकाता की एक विशेष अदालत को बताया था कि बलात्कार और हत्या को आत्महत्या का मामला बताने की शुरुआती कोशिश की गई थी। सूत्रों के अनुसार, अब तक जांच अधिकारियों ने पूर्व और विवादास्पद प्रिंसिपल संदीप घोष और ताला पुलिस स्टेशन के पूर्व एसएचओ अभिजीत मंडल की पहचान कोलकाता पुलिस द्वारा की गई जांच के शुरुआती चरण के दौरान सबूतों से छेड़छाड़ के पीछे के मास्टरमाइंड के रूप में की है।
अब जांच अधिकारी सबूतों से छेड़छाड़ के इस मामले में दोनों के सहयोगियों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं।