ईरानी नौसेना भारतीय नौसेना के साथ फारस की खाड़ी में संयुक्त अभ्यास करेंगी. इंडियन नेवी ने अपने बेड़े के तीन प्रशिक्षण युद्धपोतों को ईरान भेजा है, जिसमें आईएनएस तीर, आईएनएस शार्दुल और आईसीजीएस वीरा शामिल है. बता दें, इसी साल मार्च में ईरानी फ्लोटिला जहाज बुशहर और टोनब मुंबई आए थे. फरवरी में ईरानी नौसेना के जहाज डेना नौसेना अभ्यास मिलन में शामिल हुई थी.
भारत के ईरान और इजरायल दोनों से अच्छे रिश्ते
इस्राइल से खास दोस्ती और ईरान के साथ सैन्य अभ्यास, वह भी ऐसे समय पर जब दोनों देश एक-दूसरे को मारने पर उतारू हैं. यह भारत की सधी हुई विदेश नीति का बहुत बड़ा उदाहरण है. भारत के ईरान और इस्राइल दोनों के साथ अच्छे संबंध हैं, जैसे रूस और यूक्रेन के साथ. दुनिया के ऐसे कुछ ही देश हैं, जिनके दोनों के साथ बेहतर रिश्ते हैं. बता दें, भारत ने ईरान के चाबाहर पोर्ट पर भारी भरकम निवेश किया है.
ईरान को उम्मीद- इस्राइल को समझाएगा भारत
ईरानी राजदूत इराज इलाही ने हाल ही में कहा था कि मिडिल ईस्ट में भारत की भूमिका काफी अधिक महत्वपूर्ण है. इलाही ने इसका कारण भी बताया था. उन्होंने कहा था कि ईरान और इस्राइल दोनों ही देशों के साथ भारत के करीबी रिश्ते हैं. इलाही को उम्मीद जताई थी कि इस्राइल को समझाने और रोकने में भारत मदद करेगा.
उन्होंने पीएम मोदी के ‘यह युद्ध का युग नहीं है’ वाले बयान का हवाला देते हुए कहा था कि ईरान भी ऐसा ही मानता है. लेकिन जब कोई ईरान की संप्रभुता को चोट पहुंचाए तो ईरान क्या ही करे.