अमृतसर हादसे में नवजोत सिंह सिद्धू अौर उनकी पत्‍नी डॉ. नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है

शिरोमणि अकाली दल और भाजपा ने अमृतसर हादसे में नवजोत सिंह सिद्धू अौर उनकी पत्‍नी डॉ. नवजोत सिंह सिद्धू के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। पूर्व मंत्री व शिअद मंत्री के महासचिव बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा कि सिद्धू दंपती का पासपोर्ट रद होना चाहिए। इसके साथ की दोनों दलों ने हादसे की मजिस्‍ट्रेट जांच पर सवाल उठाए।

मजीठिया ने कहा कि नवजोत सिंह सिद्धू, उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू और उसके करीबी दशहरे के आयोजक मिट्ठू मदान का पासपोर्ट जब्त करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि जिस दिन कांग्रेस प्रधान राहुल गांधी का हाथ सिद्धू दंपती के सिर से उठ गया तो उसी दिन ये विदेश भाग जाएंगे। यहां पत्रकारों से बातचीत में मजीठिया ने कहा कि सिद्धू अपने घर में भगवान व तपस्वी  होने का दावा करते हैं, जबकि उनके घर में गैंगस्टरों का वास है। उन्होंने कहा कि सिद्धू के घर जसवीर अन्नगढ़ व साबी शिवाला जैसे गैंगस्टर जिन पर दर्जन गंभीर धारा वाले केस दर्ज हैं, आते-जाते हैं।

उन्होंने रोष जताया कि एक सप्ताह बीत जाने पर भी रेल हादसे के आरोपितों के खिलाफ न कोई एफआइआर और न ही कोई कार्रवाई की जा रही। बौखलाए सिद्धू अपनी पत्नी व मिट्ठू को बचाने के लिए निचले दर्जे की राजनीति पर उतर आए हैं। हादसे की हाईकोर्ट के मौजूदा जज से जांच करवाने की मांग करते हुए उन्होंने कहा कि डिवीजन कमिश्नर बी पुरुषार्थ ने जांच के लिए सिद्धू दंपती व मिट्ठू मदान को समन न भेज कर निष्पक्ष जांच न होने की आशंका को सही सिद्ध किया है।

जांच भटकाने की हो रही कोशिश

मजीठिया ने कुछ तस्वीर दिखाते कहा कि मौके के चश्मदीद गवाह के नाम पर मिट््ठू मदान के रिश्तेदार महिला से बंद कमरे में बयान कमलबद्ध करवाना जांच को भटकाने की कोशिश है।  उन्होंने कहा कि जिन 51 लोगों के बयान लिए गए उनमें कुछ को छोड़ कर बाकी सारे सरकारी मुलाजिम थे।  यह जांच के नाम पर धोखा है।

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ट्रैक से रातोंरात गायब किए गए सबूत

मजीठिया ने आरोप लगाया कि ताकतवर लोगों को बचाने के लिए रेलवे ट्रेक से रातोंरात सबूत मिटा दिए गए हैं। निगम की ओर से पीडि़तों को नौकरियां  देने के एलान पर उनको तब तक कोई विश्वास नहीं जब तक यह लागू नहीं हो जाता।

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सिद्धू के अफसर नहीं सिटिंग जज करे मामले की निष्पक्ष जांच : भाजपा

भारतीय जनता पार्टी के जिला पदाधिकारियों ने जोड़ा फाटक रेल हादसे के लिए पंजाब सरकार की जांच प्रक्रिया पर सवाल खड़े किए और पीडि़त परिवारों को एक-एक करोड़ रुपये मुआवजा देने की मांग की। भाजपा कार्यालय शहीद हरबंस लाल खन्ना स्मारक में शु्क्रवार को जिला भाजपा अध्यक्ष आनंद शर्मा की अध्यक्षता में बैठक हुई। बैठक में प्रदेश प्रधान व राज्यसभा सदस्य श्वेत मलिक भी उपस्थित रहे। इस दौरान सभी ने जोड़ा फाटक रेल हादसे में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि भी दी।

मलिक ने कहा कि कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू अपने करीबी और दशहरे के आयोजक मिट्ठूू मदान को बचाने में लगे हुए हैं, क्योंकि इसके लिए उनकी पत्नी डॉ. नवजोत कौर सिद्धू भी पूर्ण रूप से ही जिम्मेदार हैं। सरकार भी जांच के नाम पर लीपापोती कर रही है। सिद्धू के विभाग के अधिकारी जांच कर रहे हैं, जिनसे लोगों को न्याय की कोई उम्मीद नहीं है। सरकार सिटिंग जज से इसकी निष्पक्ष जांच करवाए। इतना ही नहीं आयोजक मिट्ठू मदान पर तत्काल मामला दर्ज किया जाए।

मलिक ने कहा कि सिद्धू की शह पर ही मिट्ठू ने बिना परमीशन लिए भव्य दशहरा समारोह का आयोजन किया था, जो रेल हादसे का कारण बना। हादसे के बाद डॉ. सिद्धू और मिट्ठू लोगों की मदद करने की बजाय भाग गए और अब हादसे के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं। उन्होंने कहा कि पीडि़तों को न्याय दिलवाने तक सांझी संघर्ष कमेटी का संघर्ष जारी रहेगा।

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