उन्होंने कहा कि हेमंत सोरेन की सरकार ने पहले ही साल एक लाख नौकरियां देने का वादा किया था, लेकिन युवाओं को एक धेला नहीं दिया। पेपर लीक से 17-17 बार परीक्षा कैंसिल हुए। जेएमएम झारखंड मुक्ति मोर्चा नहीं, पेपर लीक मोर्चा बन गई है। झारखंड में दलाल नौजवानों के सपनों के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं।
शिवराज सिंह चौहान ने झारखंड की ‘मंईयां सम्मान योजना’ पर जेएमएम सरकार को घेरा। उन्होंने कहा कि यह तो हमारा प्रोजेक्ट है, हेमंत सोरेन चुनाव से पहले लाडली बहना योजना की नकल कर रहे हैं। हमारा घोषणा पत्र आने वाला है। ये सुनिश्चित है कि हरियाणा में जैसे हमने घोषणा पत्र बांटा, उसमें बहनों के बैंक खाते में 2,100 रुपए हर माह डालने का संकल्प व्यक्त किया है। जम्मू-कश्मीर में हमने कहा, बैंक अकाउंट में पैसे भेजेंगे, उसी तरह झारखंड में भी बहनों के बैंक खाते में हम यही राशि डालेंगे।
हेमंत सोरेन सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा कि पांच साल पहले घोषणा पत्र में 2,000 रुपए चूल्हा खर्च देने का वादा किया गया था। 4 साल 10 महीना चूल्हा खर्च नहीं दिया, अब चुनाव नजदीक है तो सोचा जेब से तो जाएगा नहीं, तो एक-एक हजार रुपए खजाने से भेजना शुरू किया। पहले हेमंत सोरेन हिसाब दें कि 5 साल में 60 महीना होते हैं और 60 महीना में 2,000 रुपए मिलते तो 1 लाख 20 हजार रुपए जाते बहनों के बैंक खाते में। वे एक-एक बहन का 1 लाख 18 हजार खा गए और अब टुकड़े जैसे एक हजार डाल रहे हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डिस्ट्रिक्ट मिनरल्स फंड बनाए हैं, लेकिन उसकी राशि का यहां उपयोग नहीं हो रहा है। सत्ताधारी दल के लोग झारखंड को खुलकर लूट रहे हैं और जनता बुरी तरह से परेशान है। झारखंड की तकदीर और तस्वीर बदलने के लिए यहां सत्ता परिवर्तन जरूरी है।
केंद्रीय मंत्री ने नेतरहाट के अंचलों में आदिवासी समाज के साथ विभिन्न विषयों पर संवाद भी किया। वह आदिम जनजाति बैगा, कोरबा और बिरहोर एवं बड़ाइक समाज के लोगों से मिले। इस दौरान केंद्रीय मंत्री आदिवासी रंग में नजर आए, ढोल बजाया और नृत्य भी किया। उन्होंने जामाटोली, नेतरहाट में झारखंड के पारंपरिक भोजन गोंदली चावल, मकई घट्ठा, भपाल सलाद, फुटकल चटनी, बांस करील भुजिया, बार बोदी दाल का स्वाद लिया।