नई दिल्ली. महेन्द्र सिंह धोनी की येलो आर्मी IPL-11 के फाइनल में पहुंच चुकी है. इस सीजन के पहले क्वालिफायर में चेन्नई सुपरकिंग्स ने सनराइजर्स को 2 विकेट से शिकस्त दी और फाइनल का टिकट हासिल किया. टीम की इस बड़ी जीत में कप्तान महेन्द्र सिंह धोनी की भूमिका ज्यादा नहीं रही. उन्होंने 18 गेंदों का सामना करते हुए सिर्फ 9 रन बनाए. लेकिन इसी मामूली पारी के दौरान धोनी एक ऐसे अपशकुन का शिकार जो उनके साथ पहले साल 2010 में घटित हुआ था, उसके बाद 2016 में और अब 2 साल बाद इस IPL सीजन में भी उनके साथ वही अपशगुन तीसरी बार हुआ. हालांकि, गनीमत ये रही कि पिछले 2 बार की तरह इस बार वो अपशगुन का शिकार नहीं बने.
SRH के खिलाफ ऐसे हुआ अपशकुन
धोनी का ये अपशकुन है क्या वो जानने से पहले सनराइजर्स के खिलाफ क्वालिफायर मुकाबले में धोनी की बल्लेबाजी को समझना जरूरी है. मैच में चेन्नई के टॉप ऑर्डर के शुरुआती 3 विकेट जल्दी जल्दी आउट हो गए. हालात को भांपते हुए धोनी बल्लेबाजी के लिए उतरे. धोनी इस मैच में उतरे तो अपने ही क्रम पर बल्लेबाजी करने पर वानखेड़े की 22 गज की पट्टी पर उनका आना थोड़ा जल्दी हुआ. वो चौथे ओवर से पहले ही क्रीज पर बल्लेबाजी के लिए आ गए और यही उनके साथ अपशगुन हो गया.
धोनी का अपशकुन
अब आप कहेंगे कि चौथे ओवर से पहले बल्लेबाजी के लिए उतरने का मतलब अपशगुन कैसे. तो हम आपको बता दें कि इससे पहले जब-जब धोनी चार ओवर से पहले बल्लेबाजी के लिए IPL में उतरे तब तब उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा था. IPL 2010 में दिल्ली डेयरडेविल्स के खिलाफ मुकाबले में धोनी 4 ओवर से पहले बैटिंग के लिए उतरे.
इस मैच में वो 2 गेंदों पर खाता भी नहीं खोल सके थे और CSK को हार का सामना करना पड़ा था. 4 साल बाद IPL 2016 में जब धोनी IPL में राइजिंग पुणे सुपरजाइंट्स के कप्तान बने तब भी उनके साथ ही हुआ. इस साल RCB के खिलाफ धोनी ने 38 गेंदों पर 41 रन बनाए लेकिन बदले में उनकी टीम को हार का सामना करना पड़ा. ऐसे में जब सनराइजर्स के खिलाफ IPL-11 के पहले क्वालिफायर में एक बार फिर से धोनी उसी सिचुएशन पर आ खड़े हुए तो उनकी टीम की हार नजर आने लगी. लेकिन, फैफ डूप्लेसिस ने IPL में तीसरी बार धोनी को अपशगुन का शिकार होने से बचा लिया.