पीएम फसल बीमा योजना में किसानों का प्रीमियम ढाई प्रतिशत किया जाए

नाईक की अध्यक्षता में बनी राज्यपालों की समिति ने राष्ट्रपति को सौंपी रिपोर्ट

लखनऊ। किसानों की आय वर्ष 2022 तक दो गुनी करने को लेकर राष्ट्रपति की ओर से प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक की अध्यक्षता में बनी राज्यपालों की समिति ने शुक्रवार को अपनी संस्तुतियों की रिपोर्ट राष्ट्रपति को सौंप दी है। इस अवसर पर वरिष्ठतम राज्यपाल ई0एस0एल0 नरसिम्हन आंध्र प्रदेश एवं तेलंगाना, कर्नाटक के राज्यपाल वजुभाई वाला, हिमाचल प्रदेश के राज्यपाल आचार्य देवव्रत एवं मध्य प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल भी उपस्थित थे। जिसमें प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम पांच प्रतिशत से घटाकर ढाई प्रतिशत करने का सुझाव दिया गया है। राज्यपाल राम नाईक ने बताया कि बदलते पर्यावरणीय परिवेश के दृष्टिगत निवेश दक्ष संकर/प्रजातियों के विकास की महत्ता पर जोर देते हुए ‘विशेष कृषि जोन‘ तथा क्षेत्रीय क्षमताओं के अनुकूल फसल विशेष के केन्द्र स्थापित करने पर जोर दिया गया।

क्षेत्रीय संसाधनों की उपलब्धता एवं जलवायु की उपयुक्तता को संज्ञान में लेते हुए फसल चक्र विकसित करने तथा पर्वतीय क्षेत्रों हेतु कम उत्पादन किन्तु अधिक महंगी फसलों के उगाने की समिति द्वारा संस्तुति की गयी है। कुछ राज्यों के सुझावों विशेष रूप से जहां रोपित फसलों के अन्तर्गत ज्यादा क्षेत्रफल है, वहां प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत प्रीमियम की दर 5 प्रतिशत से घटाकर फसलों की भांति 2.5 प्रतिशत किये जाने पर विचार किये जाने का सुझाव भी दिया गया है। समिति द्वारा केन्द्रीय सहायतीत कृषि विकास योजना के तहत केन्द्र एवं राज्यांश 60ः40 के स्थान पर पुराने सिद्धान्त के अनुसार 90ः10 के अनुपात में छोटी जोतो को लाभकारी बनाने हेतु सहायता प्रदान किये जाने का सुझाव दिया गया है। इस सिद्धान्त के लागू होने से उत्तर प्रदेश, केरल, पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, उड़ीसा आदि राज्यों के किसानों को बड़ी राहत मिलेगी। कृषि कार्यों के सम्पादन विशेष रूप से कटाई एवं रोपाई के समय मनरेगा कार्यक्रम के कारण मजदूरों की उपलब्धता की समस्या को संज्ञान में लेते हुए सुझाव दिया गया कि मनरेगा को कृषि क्षेत्र की लाभकारी गतिविधियों/ क्रिया-कलापों से जोड़ा जाये।

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