दोनों नेताओं ने संयुक्त राष्ट्र शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की और यूक्रेन की स्थिति के साथ-साथ शांति के मार्ग पर आगे बढ़ने के तरीके पर चर्चा की।
विदेश मंत्रालय (एमईए) के अनुसार, बैठक के दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कूटनीति और संवाद के साथ-साथ सभी हितधारकों के बीच जुड़ाव के माध्यम से यूक्रेन में संघर्ष के शांतिपूर्ण समाधान के पक्ष में भारत के स्पष्ट, सुसंगत और रचनात्मक दृष्टिकोण को दोहराया।
प्रधानमंत्री मोदी ने बैठक के बाद एक्स पोस्ट में कहा, न्यूयॉर्क में राष्ट्रपति जेलेंस्की से मुलाकात की। पिछले महीने यूक्रेन की मेरी यात्रा के दौरान हमने जिन द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने पर जोर दिया था उसे हम लागू करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यूक्रेन में संघर्ष के शीघ्र समाधान और शांति एवं स्थिरता की बहाली के लिए भारत के समर्थन की बात दोहराई।
विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि दोनों नेताओं ने प्रधानमंत्री की हाल की यूक्रेन यात्रा को याद किया और द्विपक्षीय संबंधों के निरंतर सुदृढ़ीकरण पर संतोष व्यक्त किया। तीन महीने से भी कम समय में दोनों नेताओं के बीच यह तीसरी बैठक थी।
विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों नेताओं ने संपर्क में बने रहने पर सहमति व्यक्त की।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति जेलेंस्की के निमंत्रण पर अगस्त में यूक्रेन का दौरा किया था। यह यात्रा महत्वपूर्ण थी क्योंकि 1992 में द्विपक्षीय संबंधों की स्थापना के बाद से यह पहली बार था जब किसी भारतीय प्रधानमंत्री ने यूक्रेन का दौरा किया था।
यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री ने यह स्पष्ट कर दिया था कि रूस और यूक्रेन के बीच चल रहे संघर्ष में अक्सर तटस्थ कहे जाने वाले भारत ने हमेशा शांति के लिए दृढ़ता से पक्ष लिया है।