सर्वपितृ अमावस्या का दिन अपने पितरों को श्रद्धांजलि देने के लिए बहुत महत्वपूर्ण होता है. इस दिन सूर्य ग्रहण का लगना एक अद्भुत संयोग है. यह संयोग कई लोगों के लिए धार्मिक और ज्योतिषीय दृष्टिकोण से भी खास है. सूर्य ग्रहण और सर्वपितृ अमावस्या के इस संयोग पर अगर आप अपनी राशि अनुसार दान करते हैं तो इसका कई गुना फल आपको मिलता है. इस दिन किए गए दान से पितृ दोष का निवारण होता है और पितरों को शांति मिलती है. सूर्य ग्रहण के समय किया गया दान सूर्य देव को प्रसन्न करता है और उनकी कृपा प्राप्त होती है. इससे आपकी कुंडली में सूर्य की स्थिति और मजबूत होती है जिससे समाज में आपका मान-सम्मान को बढ़ता ही है साथ ही तरक्की के मार्ग पर भी आप तेजी से आगे बढ़ने लगते हैं.
राशि अनुसार दान
- मेष राशि: गेहूं, लाल चंदन
- वृषभ राशि: चावल, सफेद वस्त्र
- मिथुन राशि: दही, हरी सब्जियां
- कर्क राशि: चांदी, दूध
- सिंह राशि: गेहूं, गेंदा के फूल
- कन्या राशि: हरी सब्जियां, शहद
- तुला राशि: गुलाब के फूल, शक्कर
- वृश्चिक राशि: तिल, नमक
- धनु राशि: पीले वस्त्र, पीला चंदन
- मकर राशि: काले तिल, काले चने
- कुंभ राशि: नीले वस्त्र, नीले फूल
- मीन राशि: पानी, सफेद चावल
दान करने की विधि
सर्वपितृ अमावस्या के दिन आप ब्रह्म मुहूर्त में उठकर स्नान करते साफ कपड़े पहन लें. शास्त्रों के अनुसार इस दिन दान सूर्योदय से पहले करना चाहिए. दान करते समय मन में पवित्र भावना होनी चाहिए और ये दान किसी ब्राह्मण को ही देना चाहिए. अगर ब्राह्मण उपलब्ध न हो तो किसी गरीब व्यक्ति को भी दान दे सकते हैं. सूर्य ग्रहण के दौरान सूतक काल होता है. इस दौरान कुछ विशेष सावधानियां बरतनी चाहिए. ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान जरूर करें और उस दौरान कुछ विशेष मंत्रों का जाप करना भी शुभ माना जाता है. सर्वपितृ अमावस्या पर सूर्य ग्रहण का लगना एक दुर्लभ संयोग है. इस संयोग में दान करने से पितृ दोष का निवारण होता है और कई शुभ फल प्राप्त होते हैं. अपनी राशि के अनुसार दान का सामान चुनकर आप इस संयोग का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं.