कमल हासन सहित तमिलनाडु में द्रमुक गठबंधन के वरिष्ठ नेता 28 सितंबर को सार्वजनिक कार्यक्रम में भाग लेंगे। विदुथलाई चिरुथैगल काची (वीसीके) नेता थोल थिरुमावलवन, तमिलनाडु कांग्रेस अध्यक्ष, के. सेल्वापेरुनथुगई, माकपा के राज्य सचिव, के. बालाकृष्णन, भाकपा के राज्य सचिव आर. मुथारसन, इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग के नेता खादर मोइदीन के भी बैठक को संबोधित करने की उम्मीद है।
तमिलनाडु के मुख्यमंत्री और द्रमुक अध्यक्ष एम.के. स्टालिन 28 सितंबर को कांचीपुरम के पचियाप्पा कॉलेज में होने वाली बैठक की अध्यक्षता करेंगे।
राज्य की द्रविड़ राजनीति की शक्तिशाली पार्टी द्रमुक के गठन के 17 सितंबर को 75 साल पूरे हो गये।
उल्लेखनीय है कि 17 सितंबर 1949 को युवा तमिल पुरुषों का एक समूह अपने नेता सी.एन. अन्नादुरई के नेतृत्व में द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (द्रमुक) की स्थापना के लिए मद्रास के रॉयपुरम में रॉबिन्सन पार्क में एकत्र हुआ था। तत्कालीन कद्दावर नेता ई.वी. रामासामी पेरियार द्वारा गठित द्रविड़ कड़गम से अलग होकर इसका जन्म हुआ था।
द्रमुक अब तमिलनाडु की सबसे प्रमुख राजनीतिक शक्तियों में से एक है और राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी इंडिया ब्लॉक का एक शक्तिशाली घटक है।
याद रहे कि 2024 के आम चुनावों में द्रमुक के नेतृत्व वाले इंडिया ब्लॉक ने राज्य की सभी 39 सीटें जीती थीं। तमिलनाडु की प्रमुख विपक्षी पार्टी अन्नाद्रमुक को 2024 के लोकसभा चुनावों में राज्य की सभी सीटों पर हार का सामना करना पड़ा था।
सेंटर फॉर पॉलिसी एंड डेवलपमेंट स्टडीज के निदेशक सी. राजीव ने आईएएनएस से बात करते हुए कहा, द्रमुक को जनता को यह दिखाने की जरूरत है कि गठबंधन सहयोगियों के साथ उसका गठबंधन बरकरार है, क्योंकि हाल ही में वीसीके नेता थोल थिरुमावलवन और राज्य कांग्रेस के पदाधिकारियों ने राज्य में गठबंधन सरकार बनाने पर जोर दिया है।
उन्होंने कहा कि द्रमुक 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए बड़े पैमाने पर योजना बना रहा है और 28 सितंबर को होने वाली रैली के साथ ही वह अपनी चुनावी तैयारियां शुरू कर देगा।