चीनी कोस्ट गार्ड जहाजों ने ताइवान के पास प्रतिबंधित क्षेत्र किनमेन के अंदर घुसपैठ की है. सवाल ये है कि बार-बार घुसपैठ कर क्या हासिल करना चाहता है ड्रैगन?
चीन ताइवान में बार-बार घुसपैठ करने से बाज नहीं आ रहा है. चीनी कोस्ट गार्ड जहाजों आज यानी शुक्रवार को ताइवान के पास प्रतिबंधित क्षेत्र किनमेन के अंदर दाखिल हो गए. एक इंग्लिश वेबसाइट की रिपोर्ट के अनुसार, चार चीनी तटरक्षक जहाजों ने प्रतिबंधित क्षेत्र किनमेन (Kinmen) के जलीय इलाके में पेट्रोलिंग की. किनमेन इलाके में इस साल चीनी घुसपैठ की ये 39वीं घटना थी. ऐसे में सवाल ये है कि ताइवान को बार-बार आंखें दिखाकर आखिर ड्रैगन क्या हासिल करना चाहता है.
ताइवानी सैनिकों ने चीन की इस हरकत पर विरोध भी जताया. किनमेन, मात्सु और पेंघु में पेट्रोलिंग के लिए जिम्मेदार कोस्ट गार्ड एडमिस्ट्रेशन (सीजीए) यूनिट ने चीनी जहाजों को तुरंत इलाके को छोड़ने की चेतावनी दी. सीजीए ने बताया कि यह इस साल किनमेन के पास ऐसी 39वीं घटना है. हालांकि, चीनी सैनिकों पर इन चेतावनियों का कोई असर नहीं पड़ा और किनमेन में अपनी पेट्रोलिंग को जारी रखा.
चीन ने ठोंका अपना दावा
चीन ने ताइवान को धमकी दी कि अगर वो ज्यादा हरकत करेगा तो उसका अंजाम उसको भुगतना पड़ेगा. चीन का दावा है कि फुजियान प्रांत (Fujian Province) के पास ताइवान के कब्जे वाले द्वीपों के आस-पास उसे पेट्रोलिंग करने का अधिकार नहीं है. इन इलाकों में पेट्रोलिंग करने की दायित्व उसका है. इस तरह चीन ने ताइवान के पास प्रतिबंधित क्षेत्र किनमेन पर अपना दावा ठोंकने की कोशिश की.
ताइवान में बार-बार घुसपैठ
चीनी सैनिकों की ये हरकत बीजिंग की ताइवान को लेकर उकसावे के व्यापक पैर्टन का हिस्सा है. चीन बार-बार ताइवान और उसके आप-पास के इलाके में घुसपैठ करता है. चीन ने ताइवान के पास अपनी सेना की मौजूदगी को भी जबरदस्त तरीके से बढ़ा दिया है. चीन की घुसपैठ पर ताइवान कई बार विरोध जता चुका है. ऐसा भी देखा गया है कि कई बार दोनों देशों के बीच ये टकराव जंग की शक्ल लेने तक भी पहुंच गया है.
बार-बार ऐसा क्यों कर रहा ड्रैगन?
ऐसे में सवाल ये है कि ताइवान को बार-बार आंखें दिखाकर ड्रैगर क्या हासिल करना चाहता है. इस सवाल की जड़ चीन-ताइवान विवाद है. दरअसल- चीन ताइवान को अपना हिस्सा मानता है, जबकि ताइवान उसके इस दावे को खारिज करता है. वह खुद को एक स्वतंत्र देश मानता है. यही वजह है कि चीन उस पर कब्जा करना चाहता है. चीन का कहना है कि दुनिया में सिर्फ एक चीन है और ताइवान चीन का ही एक हिस्सा है, जो एक दिन उसमें मिल जाएगा.
चीन ताइवान को अपना क्षेत्र मानता है और उसने कहा है कि वह इसे बीजिंग के नियंत्रण में लाने के लिए बल प्रयोग से कभी पीछे नहीं हटेगा. ताइवान को अपने कब्जे में लाने के लिए चीन बेताब है. यही वजह है कि हाल के वर्षों में चीन लगातार ताइवान पर दवाब बढ़ा रहा है. उसके इलाकों में घुसपैठ कर उसे बार-बार आंखें दिखा कर डरा रहा है. इन ‘सैन्य कार्रवाईयों’ के पीछे चीन का मकसद ताइवान को उसकी मांग के आगे झुकने और चीन के कब्जे को मानने के लिए मजबूर करना है.