भारत के लिए 152 अंतर्राष्ट्रीय विकेट लेने वाले चहल ने 45 रन देकर पांच शिकार किए, चहल के प्रथम श्रेणी करियर का ये सिर्फ़ तीसरा पांच विकेट हॉल था। साथ ही साथ इस भारतीय लेग-स्पिनर ने प्रथम श्रेणी में 100 विकेट भी हासिल कर लिए। चहल के इस प्रदर्शन की बदौलत नॉर्थम्पटनशायर ने डर्बीशायर के आख़िरी छह विकेट केवल 15 रन पर झटके।
स्पिन के लिए मददगार पिच पर चहल ने ज्यादातर ऑफ स्पिनर रॉब कियो के साथ गेंदबाज़ी की, कियो ने भी तीन विकेट अपने नाम किए। इसके बाद बल्ले से भी कियो ने अब तक अहम 46* रन बना लिए हैं और क्रीज़ पर मौजूद हैं। दूसरे दिन का खेल ख़त्म होने तक नॉर्थम्पटनशायर को 232 रन की बढ़त हासिल हो गई है जबकि पांच विकेट शेष हैं।
चहल की गेंदबाज़ी कितनी घातक थी इसका अंदाज़ा इस बात से लगाया जा सकता है कि उन्होंने अपने पांच ओवर के स्पेल में ही सभी पांच शिकार किए। चहल ने पारी के 52वें ओवर में ऐन्यूरिन डॉनल्ड के तौर पर अपना पहला शिकार किया, इसके बाद पारी के 56वें ओवर में उन्होंने दो विकेट झटके।
पहले ख़तरनाक दिख रहे वेन मैडसन को क्लीन बोल्ड किया और फिर उसी ओवर की पांचवीं गेंद पर जैक चैपल को भी पवेलियन की राह दिखा दी। 62वें ओवर की लगातार दो गेंदों पर चहल ने दो और विकेट लेते हुए अपना पंजा खोला और साथ ही साथ डर्बीशायर की पहली पारी 165 रन पर समेट दी। चहल जब दूसरी पारी में गेंदबाजी आक्रमण पर आएंगे तो वह हैट्रिक पर होंगे क्योंकि पिछली दो गेंदों पर उनके नाम लगातार दो विकेट हैं।
इस मैच में एक और भारतीय खिलाड़ी खेल रहे हैं, और वह हैं पृथ्वी शॉ। चहल के हमवतन शॉ काउंटी में भी उनके साथ ही हैं – यानी दोनों ही नॉर्थम्पटनशायर का हिस्सा है। हालांकि चहल की तरह शॉ का प्रदर्शन ख़ास नहीं रहा, इस मैच की पहली पारी में शॉ ने मैच की पहली गेंद पर चौके से खाता खोला था लेकिन फिर अगली गेंद पर ही आउट हो गए थे। दूसरी पारी में भी शॉ महज़ 2 रन बनाकर हैरी मूर की गेंद पर पगबाधा आउट हो गए।