बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार नहीं थम रहा है. सवाल ये है कि नई सरकार के बाद भी बांग्लादेश में इतने अराजक हालात क्यों हैं?
: बांग्लादेश हिंदुओं के लिए क्राइसिस जोन बन गया है. बांग्लादेशी हिंदुओं पर कट्टरपंथियों के जुल्म की इंतहा हो रही है. बच्चों के कत्ल, महिलाओं की रेप के बाद हत्या, घरों और खेतों में आग में फूंके जा रहे हैं. कट्टरपथीं हिंदुओं की जान के बदले उनसे प्रोटेक्शन मनी मांग रहे हैं. हिदुओं के मंदिर-मठों को तहस-नहस किया जा रहा है. मूर्तियों को खंडित किया जा रहा है ताकि वे अपने धर्म का पालन नहीं कर सकें. एक तरह से ये हिंदुओं से उनके पूजा के अधिकार को छीनने जैसा है. सवाल ये है कि नई सरकार के बाद भी बांग्लादेश में इतने अराजक हालात क्यों हैं?
अत्याचार से चित्कार कर रहे हिंदू
बांग्लादेश में हिंदुओं पर अत्याचार नहीं थम रहा है. आज भी कई इलाकों के हिंदुओं के घर और दुकानें फूंकी जा रही हैं. बांग्लादेश में हिंदुओं का अपहरण और कत्ल हो रहा है. परिजनों चीत्कार कर रहे हैं, पर सुनने वाला कोई नहीं.
हिंदू महिलाओं बलात्कार हो रहा है, लेकिन परिजन बेबस हैं. हिंदुओं के घर मंदिर और गौशालाएं लूटी (Hindus in Bangladesh) जा रही हैं. इतना ही नहीं नफरत और अराजकता का आलम ये है कि बांग्लादेश में विपक्षियों से सियासी प्रतिशोध का घिनौना खेल जारी है.
बच्चों की हत्या, मां का रोना
वहीं, खुलना जिले के लक्ष्मीखोला गांव में कट्टरपंथियों ने गैंग रेप जैसी वारदात को अंजाम दिया. हिंदू महिला के साथ सामूहिक दुष्कर्म (Bangladesh Hindus Crisis) के बाद उसकी हत्या कर दी गई, और परिवार को मुंह ना खोलने की धमकी भी दी. लालमोनिरहाट जिले के बुरा शार्दुबी में कट्टरपंथियों ने हिंदुओं के घरों को निशाना बनाया. उपद्रवियों ने सिलहट जिले के जकीगंज उपजिला के चांदपुर गांव में काली माता मंदिर पर हमला किया.
कट्टरपंथियों ने गोशाला लूटी
उपद्रवियों ने बांग्लादेश के मगुरा जिले में एक पूरी गोशाला लूट (Bangladesh Violence) ली. कट्टरपंथियों ने स्वपन ठाकुर की गोशाला पर हमला किया और 59 मवेशियों को लूट लिया, जिनमें 47 गायें और 12 बछड़े शामिल हैं. स्वपन ठाकुर की पत्नी अपने परिवार की तरह इसका ख्याल रखती थी, लेकिन अब यहां आकर रोने के सिवा उनके हाथ में कुछ नहीं.
बांग्लादेश पर यूएन की रिपोर्ट
बांग्लादेश पर यूएन की 10 पन्नों की रिपोर्ट में कई बड़े खुलासे किए गए हैं. 27 दिनों में 650 से ज्यादा मौतों का जिक्र है. इसमें बताया गया है कि 16 जुलाई से 4 अगस्त के बीच 400 से ज्यादा मौतें हुईं, जबकि 5-6 अगस्त के बीच 250 लोगों की जान गई. 7 से 11 अगस्त के बीच काफी लोगों की जान गई. हिंसा में जख्मी हुए लोगों की भी मौत हुई. ऐसे में सवाल ये है कि जब देश में अंतरिम सरकार का गठन हो गया है, तो फिर वहां हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर हो रहीं हिंसक घटनाएं कम क्यों नहीं हो रही हैं.