शेख हसीना और उनकी पार्टी आवामी लीग को भारत समर्थक नेता के तौर पर देखा जाता रहा है. संकट की स्थिति में उनका भारत आना दोनों देशों की संबंधों की गहराइयों को दिखाता है.
भारत और बांग्लादेश के कैसे होंगे रिश्ते
द्विपक्षीय रिश्तों को बड़ा मसला बताते हुए हुसैन ने जवाब जवाब दिया यह एक काल्पनिक सवाल है. अगर कोई किसी देश में रहता है तो उस देश से द्विपक्षीय रिश्ते क्यों प्रभावित होंगे. इसकी कोई वजह नहीं है. हुसैन ने आगे कहा कि द्विपक्षीय रिश्ते एक दूसरे के हितों पर आधारित होते हैं और दोस्ती भी हितों के लिए होती है. साथ ही कहा कि अगर हित प्रभावित होंगे तो दोस्ती नहीं बनी रह सकती. उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों यानी कि बांग्लादेश और भारत के अपने हित हैं और दोनों ही उसी के आधार पर आगे चलेंगे. हुसैन ने कहा कि उनकी सरकार हमेशा भारत के साथ अच्छे संबंध बनाए रखने का प्रयास करेगीं.
बांग्लादेश हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए
आपको बता दें कि बांग्लादेश हिंसा में सैकड़ों लोग मारे गए हैं. वहीं शेख हसीना के तख्ता पलट के बाद से हिंदुओं पर जमकर अत्याचार हो रहा है. बांग्लादेश में हुई सियासी उथल-पुथल का असर भारत पर भी देखने को मिल रहा है. एक और जहां सीमाओं पर चुनौतियां बढ़ गई हैं तो वहीं इस घटनाक्रम के बाद आतंकवादी संगठनों की सक्रियता का खतरा भी बढ़ गया है. ऐसा इसलिए है क्योंकि भले ही कहा जा रहा है कि बांगलादेश में शेख हसीना सरकार के खिलाफ छात्रों ने माहौल बनाया हो लेकिन लेकिन तमाम खुफिया रिपोर्टों के मुताबिक इसके पीछे सक्रिय आतंकवादी संगठनों का हाथ है, जिनकी साजिश बांग्लादेशी हिंदुओं के खिलाफ भी है.