आखिर किसके कहने पर शेख हसीना ने बांग्लादेश छोड़ा, जानें देश छोड़ने से पहले किस करीबी का आया था फोन कॉल

बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना पहले देश छोड़ने के लिए तैयार नहीं थीं. मगर बाद में एक फोन कॉल ने उन्हें देश छोड़ पर मजबूर कर दिया.  

वक्त-वक्त की बात है. एक समय था जब शेख हसीना बांग्लादेश का चेहरा बन कर उभर रही थीं. आज उन्हें शरण लेने के लिए ठोकरें खानी पड़ रही हैं. वे पूरे विश्व से शरण मांगती फिर रही हैं. मगर हर देश शरण देने को तैयार नहींं है. आपको बता दें कि बीते कई दिनों से चल रहे प्रदर्शन ने बांग्लादेश की पूर्व पीएम शेख हसीना की कुर्सी हिला दी. उन्हें देश छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा. इस समय शेख हसीना भारत के हिंडन एयरबेस के सुरक्षित हाउस में रह रही हैं. मगर सवाल ये है कि आखिर शेख  हसीना  को देश छोड़ने ही क्यों पड़ा? क्या वाकई उनकी जान को खतरा था? क्या उनके जीजा ने उन्हें धोखा दे दिया था?

आइए जाननें की कोशिश करते है कि आखिरकार शेख हसीना के जीजा कौन हैं. बांग्लादेश में अभी जो आर्मी चीफ हैं, वह रिश्ते में शेख हसीना के जीजा हैं. सेना प्रमुख वाकर-उज-जमान पूर्व पीएम शेख हसीना की चचेरी बहन के पति हैं. आपको बता दें कि आर्मी चीफ वाकर-उज-जमान के ससुर जनरल मुस्तफिजुर रहमान 24 दिसंबर 1997 से 23 दिसंबर 2000 तक बांग्लादेश सेना के सेनाध्यक्ष रह चुके हैं. मुस्तफिजुर रहमान शेख हसीना के चाचा थे. वहीं वाकर की पत्नी हसीना की चचेरी बहन बताई गई है.

शेख हसीना और आर्मी चीफ में क्या रिलेशन

अब पड़ताल की बात है कि जीजा वाकर-उज-जमान ने साली शेख हसीना को धोखा दिया है या उनकी जान बचाई. आपको बता दें कि यह घटना 4 अगस्त की है. बांग्लादेश में प्रदर्शन के दौरान खूब कत्लेआम हुआ. करीब 100 लोगों को मौत के घाट उतार दिया गया. शेख हसीना के खिलाफ प्रदर्शन उग्र होता चला गया. पानी गले तक पहुंच चुका था. पूरे देश में 5 अगस्त से कर्फ्यू का ऐलान कर दिया गया. इंटरनेट सेवाओं पर पाबंदी लगा दी गई. प्रदर्शन को कुचलने को लेकर हर तरह की कोशिश हुई. इस दौरान प्रदर्शनकारी मानने को तैयार नहीं हुए. इसके बाद शेख हसीना ने सेना और पुलिस को प्रदर्शन खत्म करने को लेकर पूरी छूट दे दी.

किस लिए घर पहुंचे थे आर्मी चीफ

आपको बता दें कि 5 अगस्त सुबह के वक्त शेख हसीना के घर पर हलचल काफी तेज हो गई. सभी सेनाओं के प्रमुख शेख हसीना के घर आने लगे. शेख हसीना की बहन भी पहुंचीं. आर्मी चीफ वाकर-उज-जमान और अन्य सेनाओं के प्रमुख ने शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए राजी कर डाला. सेना प्रमुख ने प्रदर्शन को रोकने में असमर्थता जताई.  इस दौरान कुछ सेना के चीफ इसके पक्ष में नहीं थे. आर्मी चीफ वाकर-उज-जमान समेत अन्य विंग के प्रमुख ने शेख हसीना को इस्तीफा देने के लिए मानाने की कोशिश की.  मगर हसीना इस पर राजी नहीं हुईं.

वर्जीनिया में रहने वाले बेटे सजीव वजेद से बात कराई

इसके बाद शेख हसीना को उनकी बहन ने समझाना शुरू किया. यह बात 20 मिनट तक चली. इसके बाद भी हसीना इस्तीफा देने के साथ देश छोड़ने को लेकर राजी नहीं थी.आर्मी चीफ वाकर-उज-जमान को यह डर बना हुआ था कि प्रदर्शनकारी शेख हसीना की हत्या न कर डालें. वह चाहते थे किसी तरह से शेख हसीना इस्तीफा दे डालें. मगर हसीना मानने को ​बिल्कुल तैयार नहीं थीं. इसके बाद आर्मी चीफ ने उसी समय हसीना के वर्जीनिया में रहने वाले बेटे सजीव वजेद से बात कराई. फोन पर मां को समझाने के लिए कहा. आर्मी चीफ वाकर ने हसीना से बेटे की बात कराई. बेटे से बात करने के बाद हसीना इस्तीफा देने और देश छोड़ने के लिए तैयार हो गईं.

Powered by themekiller.com anime4online.com animextoon.com apk4phone.com tengag.com moviekillers.com