रत्न शास्त्र में रत्नों का खास महत्व बताया गया है। रत्न शास्त्र में कई ऐसे रत्नों के बारे में बताया गया है, जिनको धारण करने से व्यक्ति की कुंडली में कमजोर ग्रहों के अशुभ प्रभाव को कम करता है। जिंदगी के तमाम पहलुओं और उनसे जुड़ी समस्याओं के लिए अलग-अलग रत्नों के बारे में बताया गया है। कुंडली में ग्रह दोष होने पर उससे संबंधित रत्न धारण करने से व्यक्ति को राहत मिलती है।
टाइगर स्टोन पहनने के फायदे
इस रत्न के नाम की तरह ही इसमें पीले और काले रंग की धारियां होती हैं। टाइगर रत्न सबसे ज्यादा प्रभावशाली और जल्दी फल देने वाला माना जाता है। रत्न शास्त्र के मुताबिक इस रत्न को धारण करने से कुंडली में सूर्य और चंद्रमा की स्थिति मजबूत होती है। इस रत्न को धारण करने से व्यक्ति के आत्मविश्वास में वृद्धि होती है और यह रत्न व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति व समृ्द्धि लाता है। वहीं मानसिक तनाव कम होता है और जातक हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त करता है।
ये लोग धारण कर सकते हैं टाइगर स्टोन
मेष, धनु और मीन राशि के जातक टाइगर स्टोन को धारण कर सकते हैं। हालांकि इस रत्न को धारण करने से पहले किसी ज्योतिष की सलाह जरूर लें। ध्यान रखें कि यह रत्न कम से कम सवा आठ रत्ती का होना चाहिए।
रत्न शास्त्र के मुताबिक इस रत्न का स्वामी मंगल और सूर्य ग्रह है। इसलिए वृषभ, तुला, मकर, कुंभ और कन्या राशि वाले लोगों को इस रत्न को धारण नहीं करना चाहिए। क्योंकि इन राशि वाले जातकों को टाइगर स्टोन का शुभ फल नहीं मिलता है।
कब और कैसे धारण करें यह रत्न
किसी भी माह की शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि को टाइगर स्टोन धारण कर सकते हैं। यदि आप कुंडली में सूर्य को मजबूत करना चाहते हैं, तो रविवार के दिन इस रत्न को अनामिका उंगली में धारण करें।
कुंडली में चंद्रमा को मजबूत करने के लिए सोमवार के दिन इस रत्न को अनामिका उंगली में पहनें
मंगल ग्रह को मजबूत करने के लिए मंगलवार के दिन टाइगर स्टोन को तर्जनी उंगली में पहनें।
यदि आप शनि ग्रह को मजबूत करना चाहते हैं, तो शनिवार के दिन टाइगर स्टोन को मध्यमा उंगली में धारण कर सकते हैं।