2024 में हरियाली तीज 7 अगस्त को है. इस मौके पर परंपरा रही है कि महिलाएं 16 श्रृंगार करके भगवान शिव और पार्वती की पूजा करती हैं. आइए, आज जानते हैं 16 श्रृंगार में क्या-क्या आता है.
हरियाली तीज पर सुहागिन महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए निर्जला व्रत करती हैं. धार्मिक मान्यताओं के अनुसार भगवान शिव को पति के रूप में पाने के लिए माता पार्वती ने व्रत की शुरुआत हरियाली तीज से ही की थी. 2024 में हरियाली तीज 7 अगस्त को मनाई जाएगी. हरियाली तीज का पर्व मुख्य रूप से माता पार्वती को समर्पित माना जाता है. हरियाली तीज पर सोलह श्रृंगार करने की परंपरा रही है. लेकिन कई बार बहुत से लोगों को पता नहीं होता कि 16 श्रृंगार होता क्या है. सोलह श्रृंगार करने का मतलब क्या है और इसके तहत हमें किन-किन चीजों को शामिल करना होता है. तो यहां हम आपको पूरी लिस्ट बताने जा रहे हैं, जिसे आप नोट कर लें.
वेदों के अनुसार 16 श्रृंगार करने का मतलब है लगभग शरीर के हर अंग की सजावट करना. साथ ही उनके लिए एक तय आभूषण पहनना. इसके तहत ही पहले के देवी-देवता तैयार होते थे और तब महिलाओं के लिए ही ये सिर्फ नहीं था. ये पुरुषों पर भी लागू होता था
16 श्रृंगार में शामिल चीजें
– शादी का जोड़ा या साड़ी
– महावर यानी लाल रंग
– मांगटीका
– सिन्दूर
– बिंदी
– काजल
– नथ
– कर्ण फूल यानी कान के झुमके
– गले का हार
– बाजूबंद
– मेहंदी
– चूड़ियां
– आरसी यानी अंगूठी
– कमरबंद
– पायल और बिछुआ
– खुशबू के लिए इत्र
ऐसे करें तैयारी
हरियाली तीज पर पूजा करने के लिए सबसे पहले अपनी शादी का जोड़ा या कोई साड़ी या सूट पहन लें. इसके बाद आपको पैरों में रंग लगाना. हाथों में मेहंदी पहले ही लगावा लें. जब कपड़े पहन लें तो मांग भरने के बाद मां टीका लगाएं. बिंदी लगाएं. चूड़ियां पहनें. पायल और फिर बिछुआ पहनें. उंगलियों में अंगूठी पहनें. इसके बाद कमरबंद पहनें और बाजूबंद बांधे. गले में हार पहनें और इसके बाद कान के झुमके पहनें. फिर इत्र लगाएं.