हर साल वैशाख माह के शुक्ल पक्षकी अष्टमी तिथि को मां बगुलामुखी जयंती मनाई जाती है। बता दें कि दस महाविद्याओं में से बगुलामुखी आठवीं देवी हैं। मान्यता है कि जो भी जातक सच्चे मन से और विधि-विधान से मां बगुलामुखी की पूजा-अर्चना व आऱाधना करता है, उसको शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है।
बता दें कि प्रतियोगिताओं और अदालत के मामलों को जीतने के लिए भी मां बगुलामुखी की पूजा की जाती है। वहीं जातक मां बगुलामुखी की कृपा व आशीर्वाद पाने के लिए मंत्रों का जाप कर सकता है। आज इस आर्टिकल के जरिए हम आपको मां बगुलामुखी के कुछ मंत्रों के बारे में बताने जा रहे हैं, जिनका जप करने से आप भी तमाम तरह के कष्टों से मुक्ति पा सकते हैं।
बगुलामुखी मूल मंत्र
ॐ ह्लीं बगलामुखी देव्यै ह्लीं ॐ नमः॥
बगुलागायत्री मंत्र
ह्लीं बगलामुखी विद्महे दुष्टस्तंभनी धीमहि तन्नो देवी प्रचोदयात्॥
भय नाशक मंत्र
ऊॅं ह्लीं ह्लीं ह्लीं बगले सर्व भयं हन
अगर किसी व्यक्ति के मन में हमेशा किसी न किसी तरह का भय बना रहता है, तो उस जातक को मां के भय नाशक मंत्र का जाप करना चाहिए। इससे जातक को अपने जीवन में विशेष लाभ देखने को मिलेगा।
“ऊँ ह्रीं बगलामुखी सर्वदुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तंभय,
जिह्ववां कीलय, बुद्धि विनाशय, ह्रीं ॐ स्वाहा”
इस मंत्र का कम से कम 108 बार जाप करना चाहिए। ऐसा करने से मां बगुलामुखी का आशीर्वाद प्राप्त होगा और जातक के कष्ट कम होंगे।
कृपा प्राप्ति का मंत्र
त्रिं जया बगलामुखी देवी
मां बगुलामुखी को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का जाप करना चाहिए। इस मंत्र का जाप करने से शत्रुओं पर विजय और अदालती मुकदमों में सफलता मिलती है।
नजर नाशक मंत्र
‘ॐ ह्लीं श्रीं ह्लीं पीताम्बरे तंत्र बाधाम नाशय नाशय’
यदि कोई व्यक्ति नजर दोष से परेशान है, तो ऐसे में उसे रुद्राक्ष की माला से इस मंत्र का जप करना चाहिए।