बारिश के मौसम में संक्रमण फैलने का खतरा बढ़ जाता है. इसकी चपेट में सबसे ज्यादा बच्चे और बुजुर्ग आते हैं. ऐसे में उनकी देखभाल की जिम्मेदारी भी बढ़ जाती है. बारिश में कई बीमारियों के पनपने के लिए माकूल माहौल है. वातावरण में वायरस और बैक्टीरिया के कण मौजूद रहते हैं जो बच्चों को जल्दी चपेट में ले लेते हैं. हवा में श्वसन संबंधी वायरस के कारण ज्यादातर बच्चे वायरल बुखार की चपेट में आ रहे हैं. इसकी वजह से उन्हें कान में संक्रमण का खतरा अधिक रहता है. वातावरण में वायरस और बैक्टीरिया के कण बच्चों में कान के संक्रमण का मुख्य कारण है. इसकी वजह से उनके कान में दर्द शुरू हो जाता है. आइए जानते हैं कैसे करें इससे बचाव.
एक्सपर्ट के मुताबिक बच्चों में सर्दी, खांसी और कान दर्द जैसे शुरुआती लक्षणों का पता चलने पर तुरंत कुछ सावधानियां बरतना शुरू कर दें. ताकि संक्रमण का असर लम्बे समय तक परेशान नहीं करें. बच्चों में कान में संक्रमण होने पर बॉडी में कुछ लक्षण दिखने लगते हैं जैसे बुखार, सोने में कठिनाई होना, बिना किसी कारण के बच्चे का रोते रहना, मिजाज़ में चिड़चिड़ापन होना. गंभीर स्थिति में बच्चे की नाक बहने लगती है, खांसी और उल्टी भी होती है.
मस्तिष्क तक फैल सकता है संक्रमण
कान के संक्रमण का इलाज समय पर नहीं किया जाए तो यह खतरनाक हो सकता है. ऐसे में कई समस्याएं जैसे सुनने की क्षमता में कमी, बॉडी विकास में देरी, कान का परदा फटना और संक्रमण का मस्तिष्क तक फैलने का खतरा रहता है.
बचाव के लिए अपनाएं ये उपाय
हीट पैड का उपयोग करें
कान के दर्द और संक्रमण से निपटने के लिए हीट पैड का उपयोग करें. हीटिंग पैड से सिकाई करने पर सर्दी से राहत मिलेगी और संक्रमण का असर भी कम होगा.
हाथ धोने की आदत डालें
बच्चों को बार-बार हाथ धोने की आदत डालें जिससे संक्रमण से संबंधित बीमारियों से बचा जा सके. बच्चे के टीकाकरण की स्थिति के बारे में अपडेटेड रहें.
ब्रेस्ट फिडिंग कराएं
अगर आपका बच्चा अभी छोटा है तो आप उसे ब्रेस्ट फिडिंग ही कराएं. स्तनपान आपके बच्चे को कान के संक्रमण सहित विभिन्न बीमारियों से बचा सकता है.
कान की नियमित सफाई करें
कान में सूजन और संक्रमण से बचने के लिए बच्चे के कान की नियमित सफाई का ध्यान रखें, जिससे तरल पदार्थ का संचय नहीं होगा.
नोज ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें
सेलाइन नोज ड्रॉप्स और भाप का उपयोग करके अपने बच्चे की नाक को साफ रखने की कोशिश करें.