सावन का महीना हिंदुओं के लिए कितना महत्व रखता है, इस बात का अंदाजा सोमवार को मंदिरों में लगने वाली भीड़ को देखकर लगाया जा सकता है। देवों के देव महादेव को खुश करने के लिए लोग उनके प्रिय महीने में व्रत रखते हैं, खासकर सोमवार के दिन, क्योंकि ये दिन भी शिव जी को बहुत प्रिय है। सावन के सोमवार पर व्रत रखने से भोलेनाथ की विशेष कृपा प्राप्त होती है। कहा जाता है भोलेनाथ अपने भक्तों की सारी परेशानियां दूर कर देते हैं। यहीं वजह है कि लोग सावन के सोमवार के व्रत रखना नहीं भूलते हैं।
हालाँकि, महादेव को खुश करने के लिए सिर्फ व्रत रखना काफी नहीं है। व्रत रखने वाले भक्तों को सोमवार के दिन मंदिर जाकर शिवलिंग पर जलाभिषेक भी करना होता है तभी महादेव खुश होते हैं। शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के कुछ नियम हैं, जिनका पालन व्रत रखने वाले भक्तों को करना आवश्यक है। अगर इन नियमों का पालन किए बिना शिवलिंग पर जल चढ़ाया जाता है तो महादेव रुष्ट हो सकते हैं।
शिवलिंग पर जलाभिषेक करने के लिए एक साफ लोटे या कलश में जल लें और इसमें गंगाजल या फिर कच्चा दूध मिलाएं। फिर शिवलिंग के पूर्व या उत्तर-पूर्व यानी ईशान कोण की ओर मुख करके बैठ जाएं। फिर लोटे या कलश को दोनों हाथों से पकड़ें और धीरे-धीरे एक पतली धार बनाते हुए शिवलिंग पर जल अर्पित करना शुरू करें। इस दौरान ध्यान रखें कि जल को तेज गति से न चढ़ाए। जलाभिषेक करने के दौरान भगवान शिव के पंचाक्षर मंत्र ॐ नाम शिवाय का जाप करते रहें।
जलाभिषेक के बाद क्या करें?
जलाभिषेक करने के बाद शिव जी को प्रणाम करें और फिर शिवलिंग पर बेलपत्र, सफेद चंदन, अक्षत्, शहद, फूल, धूप, दीप, गंध आदि चढ़ाए। फिर शिव चालीसा का पाठ करें और महादेव की आरती उतारें। शिवलिंग की आधी परिक्रमा करें और अंत में अपनी मनोकामना पूर्ति के लिए महादेव से प्रार्थना करें।