यहां जोड़ा फाटक के पास दशहरा वाले दिन हुए हादसे को लेकर अफवाहों का बाजार भी गर्म है। लोगों का कहना है कि ऐसा बेवजह माहौल खराब करने के लिए किय जा रहा है। सोशल मीडिया पर उस ट्रेन के चालक द्वारा आत्महत्या करने की बात वायरल हो गई, जिससे हादसा हुआ था। जांच के बाद पता चला कि ट्रेन चालक सही सलामत है। दरअसल एक व्यक्ति का अमृतसर व तरनतरन के बीच एक पुल पर एक व्यक्ति का फंदे से झूलता शव मिला था। इसके बाद किसी ने बिना कोई जांच किए हादसा का कारण बनी डीएमयू ट्रेन के चालक द्वारा आत्महत्या करने की बात सोशल मीडिया पर डाल दी।
बता दें कि अमृतसर के जोड़ा फाटक के पास शुक्रवार शाम दशहरा कार्यक्रम के दौरान डीएमयू ट्रेन ने ट्रैक पर खड़े लाेगों को रौंद दिया था। इसमें 62 लोगों की मौत हो गई आैर करीब 143 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। इसके बाद ट्रेन के चालक अरविंद कुमार को हिरासत में लिया गया और उससे पूछताछ के बाद उसे छोड़ दिया गया था। चालक ने हादसे के बारे में लिखित बयान भी दिया था। इस बयान पर लोगों ने सवाल उठाया है। यहां तक कि पंजाब के कैबिनेट मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू ने भी हादसे के लिए रेलवे को जिम्मेदार ठहराते हुए ट्रेन चालक की अोर अंगुली उठाई है।
इसी बीच, साेमवार सुबह अमृतसर-तरनतारन के बीच बोहडू गांव के पास एक पुल पर फंदे से लटका एक व्यक्ति का शव मिला। इसके बाद अफवाहों का बाजार गर्म हो गया। किसी ने साेश्ाल मीडिया पर यह गलत खबर डाल दी की जोड़ा फाटक के पास हुए हादसे का कारण बनी डीएमयू ट्रेन के चालक ने सुसाइड कर लिया है। सोशल मीडिया पर वायरल गया कि ट्रेन के ड्राइवर ने फंदा लगा कर जान दे दी है। देखते-देखते यह अफवाह वायरल हाे गया।
ह पुलिया जहां परमजीत ने की आत्महत्या।
वास्तव में बोहडू गांव के पास पुल पर फंदे से लटका शव तरनतारन के भीखीविंड के रहने वाले परमजीत का था। बताया जाता है कि परमजीत मानसिक रोगी था और अनुमान लगाया जा रहा है इसी कारण उसने वहां आत्महत्या कर ली। पुलिस मामले की जांच कर रही है।
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ट्रेन चालक ने हादसे पर यह दिया था बयान
डीएमयू ट्रेन के ड्राइवर अरविंद कुमार ने हादसे को लेकर अपना लिखित बयान शनिवार को जीआरपी को दिया था। इसमें उसने हादसे के दौरान ट्रेन को नहीं रोकने का कारण बताया था। बयान मे उसने कहा कि इमरजेंसी ब्रेक लगाए जाने के कारण ट्रेन रुकने की वाली थी कि लोगों ने उस पर पथराव कर दिया और इस कारण उसने ट्रेन की स्पीड तेज कर दी। दूसरी ओर स्थानीय लोगों ने ट्रेन चालक के बयान को गलत करार दिया।
पुलिस काे दिए अरविंद ने कहा था कि भीड़ को सामने देख कर उसने लगातार हॉर्न बजाया और इमरजेंसी ब्रेक भी लगाया। इसके बावजूद कई लाेग ट्रेन की चपेट में अा गए। इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन रुकनेवाली ही थी, कि ट्रैक के किनारे खड़े लाेगों ने पथराव कर दिया। इसके बाद यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उसने ट्रेन की स्पीड तेज कर दी।
ट्रेन चालक अरविंद कुमार के बयान की प्रति।
अरविंद ने पुलिस को दिए बयान में घटनाक्रम के बारे में जानकारी दी है। उसने बताया है कि उसकी ट्रेन जब जोड़ा रेल फाटक के पास पहुंची तो उसने वहां भीड़ देखी। इसके बाद उसने इमरजेंसी ब्रेक लगाया और लगातार हॉर्न भी बजाया। इसके बावजूद कई लोग ट्रेन की चपेट में आ गए।
ट्रेन चालक अरविंद ने बयान में कहा है कि इमरजेंसी ब्रेक लगाने के कारण ट्रेन की रफ्तार बेहद धीमी हाे गई थी और वह रुकने वाली ही थी कि इसी बीच वहां मौजूद कुछ लोगों ने ट्रेन पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद रेल यात्रियों की सुरक्षा को देखते हुए उसने ट्रेन की रफ्तार तेज कर दी।
दूसरी ओर, स्थानीय लोगों और प्रत्यक्षदर्शियों ने ट्रेन चालक के बयान को पूरी तरह गलत करार दिया है। लोगों का कहना है कि ट्रेन की रफ्तार बहुत तेज थी और यह धीमी नहीं हुई। यह कुछ सेकेंड में ही लोगों को कुचलती हुई निकल गई। रेलवे सूत्रों का कहना है कि ट्रेन की रफ्तार करीब 68 से 70 किलोमीटर प्रति घंटे की थी।
उधर, जोड़ फाटक पर लोगों को कुचलने वाली यह डीएमयू ट्रेन (11091) अटारी रेलवे स्टेशन के यार्ड में खड़ी है। इस ट्रेन के चार डिब्बों पर खून के गहरे निशान हैं। ट्रेन को शुक्रवार को हादसे रात ही चालक ने अटारी स्टेशन पर यार्ड में खड़ा कर दिया। इस डीएमयू ट्रेन को उन पटरियों पर खड़ा किया गया है, जिन पर कभी भारत विभाजन से पहले ट्रेनें चलती थीं। इन पटरियों पर समझौता एक्सप्रेस रेलगाड़ी व रेल कारगो का आदान प्रदान होता था। इस लाइन को खस्ता हालत होने के कारण बंद कर दिया गया था।