वाराणसी, 18 जून। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को लोकसभा चुनावों के बाद पहली बार अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी पहुंचे। इस दौरान प्रधानमंत्री ने यहां आयोजित किसान सम्मान सम्मेलन में बटन दबाकर किसान सम्मान निधि की 17वीं किस्त को सीधे देश भर के किसानों के खाते में ट्रांसफर किया। पीएम मोदी ने इस अवसर पर जनसभा को भी संबोधित किया। पीएम मोदी ने काशी की जनता को उन्हें लगातार तीसरी बार सांसद और प्रधानमंत्री बनाने के लिए आभार भी जताया। उन्होंने कहा कि बनारस के हर मतदाता का लोकतंत्र के इस उत्सव को सफल बनाने के लिए आभार व्यक्त करता हूं। बाबा विश्वनाथ और मां गंगा के आशीर्वाद से काशी वासियों के असीम स्नेह से मुझे तीसरी बार देश का प्रधान सेवक बनने का सौभाग्य मिला है। काशी के लोगों ने मुझे लगातार तीसरी बार अपना प्रतिनिधि चुनकर धन्य कर दिया है। ये बनारस के लोगों के लिए भी गर्व की बात है कि काशी के लोगों ने सिर्फ अपना एमपी नहीं बल्कि तीसरी बार पीएम भी चुना है। इसलिए आपलोगों को तो डबल बधाई। अब तो मां गंगा ने भी जैसे मुझे गोद लिया है, मैं यहीं का हो गया हूं। इस अवसर पर पीएम मोदी ने देश भर से आईं कृषि दीदियों को प्रमाणपत्र भी प्रदान किया।
आपका यह विश्वास मेरी बहुत बड़ी पूंजी है
पीएम मोदी ने काशी की जनता का आभार जताते हुए कहा कि आपका आभारी हूं, आपका ऋणी हूं। इस चुनाव में देश के लोगों ने जो जनादेश दिया है वो वाकई अभूतपूर्व है। इस चुनाव ने एक नया इतिहास रचा है। दुनिया के लोकतांत्रिक देशों में ऐसा बहुत कम ही देखा गया है कि कोई चुनी हुई सरकार लगातार तीसरी बार वापसी करे। ऐसा भारत में 60 साल पहले हुआ था और अब आपने ये सौभाग्य अपने सेवक मोदी को दिया। भारत जैसे देश में जहां युवा आकांक्षा इतनी बड़ी है,जहां जनता के इतने सपने हैं, वहां लोग अगर किसी सरकार को 10 साल के काम के बाद फिर सेवा का अवसर देते हैं तो यह बहुत बड़ी विजय है और बहुत बड़ा विश्वास है। आपका यह विश्वास मेरी बहुत बड़ी पूंजी है, आपका ये विश्वास मुझे लगातार आपकी सेवा के लिए देश को नई ऊंचाई पर पहुंचाने के लिए कड़ी मेहनत करने की प्रेरणा देता है। मैं दिन रात ऐसे ही मेहनत करूंगा। आपके सपनों को पूरा करने के लिए, आपके संकल्पों को पूरा करने के लिए, मैं हर प्रयास करूंगा। उन्होंने कहा कि इस चुनाव में देश के 64 करोड़ से ज्यादा लोगों ने मतदान किया है। पूरी दुनिया में इससे बड़ा चुनाव कहीं और नहीं होता है। जी7 के सारे देशों के मतदाताओं को मिला दें तो भी भारत के वोटर्स की संख्या उनसे डेढ़ गुना ज्यादा है। यूरोपियन यूनियन के सारे मतदाताओं को जोड़ दें तो भी भारत के वोटर्स की संख्या उनसे ढाई गुना ज्यादा है। इस चुनाव में 31 करोड़ से ज्यादा महिलाओं ने हिस्सा लिया है। ये संख्या अमेरिका की पूरी आबादी के आसपास है। भारत के लोकतंत्र की यही खूबसूरती, यही ताकत पूरी दुनिया को आकर्षित भी करती है और प्रभावित भी करती है।
जब सही नीयत होती है तो तेजी से जनहित का काम होता है
पीएम मोदी ने कहा कि हमने किसान, नौजवान, नारी शक्ति और गरीब इन्हें विकसित भारत का मजबूत स्तंभ माना है। अपने तीसरे कार्यकाल की शुरुआत मैंने इन्हीं के सशक्तिकरण से की है। सरकार बनते ही सबसे पहला फैसला किसान और गरीब परिवारों से जुड़ा लिया गया है। देश भर में गरीब परिवारों के लिए तीन करोड़ नए घर बनाने हों या फिर पीएम किसान सम्मान निधि को आगे बढ़ाना हो, यह फैसले करोड़ों लोगों की मदद करेंगे। आज का ये कार्यक्रम भी विकसित भारत के इसी रास्ते को सशक्त करने वाला है। थोड़ी देर पहले ही देश भर के करोड़ों किसानों के बैंक खाते में पीएम किसान सम्मान निधि के 20 हजार करोड़ रुपए पहुंचे हैं। आज तीन करोड़ बहनों को लखपति दीदी बनाने की तरफ भी बहुत बड़ा कदम उठाया गया है। कृषि सखी के रूप में बहनों की नई भूमिका उन्हें सम्मान और आय के नए साधन दोनों सुनिश्चित करेगी। पीएम किसान सम्मान निधि आज दुनिया की सबसे बड़ी डायरेक्ट बैंक ट्रांसफर स्कीम बन चुकी है। अभी तक देश के करोड़ों किसान परिवारों के बैंक खाते में सवा तीन लाख करोड़ रुपए जमा हो चुके हैं। यहां वाराणसी जिले के किसानों के खाते में 700 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। मुझे खुशी है कि पीएम किसान सम्मान निधि में सही लाभार्थी को लाभ पहुंचाने के लिए टेक्नोलॉजी का बेहतर इस्तेमाल हुआ है। कुछ महीने पहले ही विकसित भारत संकल्प यात्रा के दौरान भी एक करोड़ से अधिक किसान इस योजना से जुड़े हैं। सरकार ने पीएम किसान सम्मान निधि का लाभ पाने के लिए कई नियमों को भी सरल किया है। जब सही नीयत होती है, सेवा की भावना होती है तो ऐसे ही तेजी से किसान हित और जनहित का काम होता है।
खेती में भी जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट वाले मंत्र को बढ़ावा देना है
पीएम मोदी ने कहा कि 21वीं सदी के भारत को दुनिया की तीसरी बड़ी आर्थिक ताकत बनाने में पूरी कृषि व्यवस्था की बडी भूमिका है। हमें वैश्विक रूप से सोचना होगा, ग्लोबल मार्केट को ध्यान में रखना होगा। हमें दलहन और तिलहन में आत्मनिर्भर बनना है और कृषि निर्यात में अग्रणी बनना है। बनारस का लंगड़ा आम, जौनपुर की मूली, गाजीपुर की भिंडी, ऐसे अनेक उत्पाद आज विदेशी मार्केट में पहुंच रहे हैं। वन डिस्ट्रिक्ट वन प्रोडक्ट और जिला स्तर पर एक्सपोर्ट हब बनने से एक्सपोर्ट बढ़ रहा है और उत्पादन भी एक्सपोर्ट क्वालिटी का होने लगा है। अब हमें पैकेज्ड फूड के ग्लोबल मार्केट में देश को नई ऊंचाई पर ले जाना है। मेरा तो सपना है कि दुनिया की हर डाइनिंग टेबल पर भारत का कोई न कोई खाद्यान्न या फूड प्रोडक्ट होना ही चाहिए। इसलिए हमें खेती में भी जीरो इफेक्ट, जीरो डिफेक्ट वाले मंत्र को बढ़ावा देना है। मोटे अनाज श्रीअन्न का उत्पादन हो, औषधीय गुण वाली फसल हो या फिर प्राकृतिक खेती की तरफ बढ़ना हो, पीएम किसान समृद्धि केंद्रों के माध्यम से किसानों के लिए एक बड़ा सपोर्ट सिस्टम विकसित किया जा रहा है।
खेती को नई दिशा देंगी कृषि सखियां
पीएम मोदी ने कृषि में महिलाओं के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि माताओं-बहनों के बिना खेती की कल्पना भी असंभव है। इसलिए अब खेती को नई दिशा देने में भी माताओं बहनों की भूमिका का विस्तार किया जा रहा है। नमो ड्रोन दीदी की तरह ही कृषि सखी कार्यक्रम ऐसा ही एक प्रयास है। हमने आशा कार्यकर्ता के रूप में बहनों का काम देखा है, हमने बैंक सखियों के रूप में डिजिटल इंडिया बनाने में बहनों की भूमिका देखी है, अब हम कृषि सखी के रूप में खेती को नई ताकत मिलते हुए देखेंगे। आज 30 हजार से अधिक सहायता समूहों को कृषि सखी के रूप में प्रमाणपत्र दिए गए हैं। अभी 12 राज्यों में ये योजना शुरू हुई है और आने वाले समय में पूरे देश में हजारों महिला समूहों को इससे जोड़ा जाएगा। ये अभियान तीन करोड़ लखपति दीदियां बनाने में भी मदद करेगा।
काशी के विकास की यह गाथा अनवरत जारी रहेगी
पिछले 10 वर्ष में काशी के किसानों के लिए केंद्र सरकार ने और 7 वर्षों से राज्य सरकार ने पूरे समर्पण के साथ काम किया है। बनास डेयरी ने तो बनारस और आसपास के किसानों और पशुपालकों का भाग्य बदलने का काम किया है। आज ये डेयरी हर रोज करीब 3 लाख लीटर दूध जमा कर रही है। अकेले बनारस के ही 14 हजार से अधिक पशुपालक इस डेयरी से रजिस्टर्ड हो चुके हैं। अब बनास डेयरी अगले एक डेढ़ साल में काशी के ही 16 हजार और पशुपालकों को अपने साथ जोड़ने जा रही है। बनास डेयरी आने के बाद बनारस के अनेक दुग्ध उत्पादकों की कमाई में 5 लाख रुपए तक की वृद्धि हुई है। पिछले साल 100 करोड़ रुपए से ज्यादा बोनस पशुपालकों के खाते में भेजा गया था। पीएम मत्स्य संपदा योजना से बनारस के सैकड़ों किसानों को लाभ हो रहा है। उन्हें अब किसान क्रेडिट कार्ड की भी सुविधा मिल रही है। चंदौली में करीब 70 करोड़ की लागत से आधुनिक फिश मार्केट का विकास भी किया जा रहा है। पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना से यहां करीब 40 हजार लोग रजिस्टर्ड हुए हैं। बनारस के 2100 से ज्यादा घरों में सोलर पैनल लग चुका है। अभी तीन हजार से ज्यादा घरों में सोलर पैनल लगाने का काम चल रहा है। आज काशी में देश के सबसे पहले सिटी रोपवे का काम अपने आखिरी पड़ाव पर पहुंच रहा है। गाजीपुर, आजमगढ़ और जौनपुर के रास्तों को जोड़ती रिंग रोड विकास का रास्ता बन गई है। फ्लाई ओवर बनने से जाम से जूझने वाले बनारस के लोगों को बहुत राहत हुई है। काशी और कैंट रेलवे स्टेशन एक नए रूप में पर्यटकों और बनारसी लोगों का स्वागत कर रहे हैं। बाबतपुर एयरपोर्ट का नया रूप न सिर्फ यातायात बल्कि व्यापार को भी सहूलियत दे रहा है। गंगा घाट पर होता विकास, बीएचयू में बनती नई स्वास्थ्य सुविधाएं और वाराणसी में जगह-जगह विकसित होती नई व्यवस्था काशीवासियों को गौरव की अनुभूति कराती है। बाबा विश्वनाथ की कृपा से काशी के विकास की यह नई गाथा अनवरत चलती रहेगी।
कार्यक्रम में उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल,मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, भारत के कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान,भगीरथ चौधरी, उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य, ब्रजेश पाठक, विधान परिषद के सदस्य और भाजपा के अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी, प्रदेश सरकार के अन्य मंत्रीगण, जनप्रतिनिधिगण मौजूद रहे।