पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांग्ला करने का मामला नया मोड़ लेता दिख रहा है. अब सूत्र बता रहे हैं कि गृह मंत्रालय ममता बनर्जी सरकार के पश्चिम बंगाल के नाम बदलने के प्रस्ताव की समीक्षा कर रहा है. गृह मंत्रालय ने इसके लिए विदेश मंत्रालय से भी संपर्क किया है.गृह मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, भारत के बांग्लादेश सरकार से अच्छे संबंध हैं और बांग्ला नाम कर देने से अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दोनों के नाम लगभग एक जैसे होने से कई तरीके के कन्फ्यूजन शुरू हो जाएंगे. इसलिए इस मामले में बांग्लादेश की भी राय लेना जरूरी होगा. ऐसे में गृह मंत्रालय इस मामले में विदेश मंत्रालय की टिप्पणी का इंतजार कर रहा है.
दरअसल, वेस्ट बंगाल की विधानसभा ने पश्चिम बंगाल का नाम बदलकर बांग्ला किए जाने पर अपनी मुहर लगाई थी. देखा जाए तो किसी भी राज्य का नाम बदले बदलने के लिए कांस्टीट्यूशन अमेंडमेंट बिल केंद्र सरकार को लाना होगा और इस बिल पर राष्ट्रपति की अनुमति भी जरूरी होती है.
उल्लेखनीय है कि कोलकाता पश्चिम बंगाल विधानसभा ने जुलाई माह में तीन भाषाओं बांग्ला, अंग्रेजी और हिंदी में राज्य का नाम बदलकर गुरुवार को ‘बांग्ला’ करने के लिए प्रस्ताव पारित कर दिया था. राज्य सरकार के इस कदम का उद्देश्य वर्णमाला क्रम में राज्य का नाम ऊपर लाना था, जिसमें अभी पश्चिम बंगाल सबसे नीचे चल रहा था.
इससे पहले केंद्र सरकार ने पश्चिम बंगाल सरकार के तीन नाम वाले प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. पश्चिम बंगाल सरकार ने प्रस्ताव दिया था कि राज्य का नाम बांग्ला (बांग्ला भाषा में), बेंगाल (अंग्रेजी भाषा में) और बंगाल (हिंदी भाषा में) कर दिया जाए. केंद्र सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. इससे पहले वर्ष 2011 में ममता बनर्जी सरकार के राज्य का नाम बदलकर ‘पश्चिम बंगो’ करने के प्रस्ताव को केंद्र ने खारिज कर दिया था.