नई दिल्ली : पेट्रोलियम एवं प्राकृतिक गैस मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने बुधवार को कहा कि पिछले एक वर्ष में हमें तेल के बढ़ते दामों के चलते बड़ी कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। अक्टूबर, 2017 से खनिज तेल के दाम अमेरिकी डॉलर में 50 प्रतिशत और भारतीय रुपये में 70 प्रतिशत बढ़े हैं। उन्होंने कहा कि इसके दुष्प्रभाव कम करने के लिए महत्वपूर्ण उपाय देश में पर्याप्त कार्यनीतिक भंडारण सुविधाओं का निर्माण करना है ताकि पर्याप्त मात्रा में खनिज तेल रखा जा सके। देश की ऊर्जा सुरक्षा के लिए सरकार के महत्वपूर्ण उपायों में से एक-‘ इंडियन स्ट्रेटेजिक पेट्रोलियम रिजर्व्स’ (आईएसपीआर) का लक्ष्य सरकारी-निजी-भागीदारी के अंतर्गत कच्चे तेल के भंडारण की अतिरिक्त सुविधाओं का निर्माण करना है। पेट्रोलियम मंत्री धर्मेन्द्र प्रधान ने नई दिल्ली में इस कार्यक्रम के अंतर्गत रोड शो का शुभारंभ किया।
इस अवसर पर धर्मेन्द्र प्रधान ने कहा कि विश्व ऊर्जा परिदृश्य में भारत ऊर्जा का तीसरा सबसे बड़ा उपभोक्ता है और विश्व में कच्चे तेल का तीसरा सबसे बड़ा आयातक भी है। भारतीय अर्थव्यवस्था तेजी से बढ़ रही है, जिससे भारत में अगले दो दशकों में ऊर्जा की मांग किसी भी अन्य देश के तुलना में अधिक बढ़ेगी। भारत को पेट्रोलियम ईंधन की आवश्यकता बहुत अधिक पड़ेगी। पेट्रोलियम उत्पादों की मांग में चक्रवृद्धि वार्षिक वृद्धि दर (सीएजीआर) 2013 से 2017 की अवधि में 5.5 प्रतिशत की दर से बढ़ी है। उन्होंने कहा कि हमारा घरेलू उत्पादन पेट्रोलियम ईंधन की सतत बढ़ती घरेलू मांग पूरी नहीं कर पाएगा और भारत को निकट भविष्य में आयात पर निर्भर रहना होगा।