सनातन धर्म में पूर्णिमा तिथि का बहुत महत्व माना जाता है। पंचांग के अनुसार, साल में कुल 12 पूर्णिमा तिथियां पड़ती है। चैत्र पूर्णिमा के दिन हनुमान जंयती के रुप में भी मनाया जाता है। हिंदू धर्म में पूर्णिमा तिथि मां लक्ष्मी को समर्पित है और इस दिन मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है। वहीं इस दिन हनुमान जी की भी आराधना की जाती है। ज्योतिषाचार्य राधाकांत वत्स से जानें कि इस साल कब रखा जाएगा चैत्र पूर्णिमा का व्रत और क्या है उस दिन पूजा का शुभ मुहूर्त एवं स्नान और दान महत्व है।
कब है चैत्र पूर्णिमा 2024?
पांचांग के अनुसार, चैत्र माह की पूर्णिमा तिथि का शुभारंभ 23 अप्रैल, दिन मंगलावर को सुबह 3 बजकर 25 मिनट पर होगा। वहीं इसका समापन 24 अप्रैल, दिन मंगलवार को सुबह 5 बजकर 18 मिनट पर होगा। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, चैत्र माह की पूर्णिमा 23 अप्रैल, दिन मंगलवार को मनाई जाएगी।
चैत्र पूर्णिमा का शुभ मुहूर्त
चैत्र पूर्णिमा के दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11 बजकर 53 मिनट से शुरु होगा और इसका समापन दोपहर 12 बजकर 46 मिनट पर होगा। ऐसे में अभिजीत मुहूर्त में पूजा करना बेहतर रहेगा। साथ ही स्नान-दान के लिए मुहूर्त सुबह 4 बजकर 52 मिनट से सुबह 4 बजकर 52 मिनट से सुबह 6 बजकर 5 मिनट है। वहीं, चंद्रमा का उदय इस दिन शाम को 6 बजकर 25 मिनट पर होगा। चंद्रमा की पूजा का समय चैत्र पूर्णिमा के दिन शाम 6 बजकर 52 मिनट है।
चैत्र पूर्णिमा का महत्व
23 अप्रैल 2024 को चैत्र पूर्णिमा है, इस दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की पूजी करते है घर में धन-वैभव आता है। घर में सुख और समृद्धि का प्रवेश होता है। वहीं, इस दिन गंगा में स्नान करने से पापों से छुटकारा मिल जाता है और व्यक्ति के आस-पास की नकारात्मक ऊर्जा नष्ट होती है।