बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार आज अपने पुराने रंग में नजर आए। भाजपा से हाथ मिलाने के बाद उनके निशाने पर एक बार फिर से लालू प्रसाद यादव और राबड़ी आ गए हैं। नीतीश कुमार ने आज से लोकसभा चुनाव का प्रचार शुरू किया है। राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी दोनों पूर्व मुख्यमंत्रियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि बिहार में 15 साल तक पति-पत्नी का शासन रहा। नवादा में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, बिहार के मुख्यमंत्री ने कहा कि राजद और एनडीए 2005 से एक साथ हैं, जबकि पिछले दो दशकों में उनकी साझेदारी कई बार तनाव में थी। नवादा से भाजपा ने विवेक ठाकुर को अपना उम्मीदवार बनाया है।
नीतीश ने कहा कि आप जानते हैं कि नवंबर 2005 से जब हमें मौका मिला तो हमने बीजेपी के साथ मिलकर काम करना शुरू कर दिया। बीच में दो जगह हम इधर उधर हो गए, लेकिन फिर वापस हो गए, अब इधर उधर हम होनेवाले नहीं हैं। हम शुरू से ही साथ काम कर रहे हैं। विपक्ष पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि पहले बिहार में क्या था? 15 साल तक पति-पत्नी का राज रहा। क्या आपको वो दिन याद हैं जब कोई भी शाम के समय अपने घर से बाहर नहीं निकल पाता था। हम सांसद थे और केंद्र में मंत्री थे, तब भी हमें अपने संसदीय क्षेत्र में जाने के लिए पैदल जाना पड़ता था, क्योंकि वहां सड़कें नहीं थीं।
राज्य में महागंठबंधन (महागठबंधन) में कांग्रेस और अन्य दलों के साथ एक संक्षिप्त कार्यकाल के बाद, जदयू एनडीए में लौट आया और इस साल की शुरुआत में भाजपा से हाथ मिला लिया। इस बदलाव के कारण नीतीश कुमार ने नौवीं बार बिहार के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली। नीतीश कुमार इससे पहले अगस्त 2022 में महागठबंधन में शामिल हो गए थे और कांग्रेस और राजद के समर्थन से नई सरकार बनाई थी। यह बताते हुए कि नीतीश कुमार इस साल एक बार फिर एनडीए में क्यों शामिल हुए, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पार्टी गठबंधन में उनका वापस स्वागत करके खुश है और उन पर भ्रष्टाचार का कोई दाग नहीं है।
उन्होंने कहा कि हमारे सत्ता संभालने से पहले बिहार में क्या था? बुनियादी ढांचा अस्त-व्यस्त था। सत्ता संभालने के बाद चीजें बेहतर होने लगीं। अब, हमें केंद्र से बहुत समर्थन मिल रहा है। हमेशा खुद को एक ‘धर्मनिरपेक्ष’ नेता के रूप में पेश करने वाले कुमार ने कहा, ‘‘जब तक हम सत्ता में नहीं आए और चीजों को व्यवस्थित नहीं किया, तब तक बिहार में बहुत सारे हिंदू-मुस्लिम झगड़े होते थे। अल्पसंख्यक समुदाय के लिए मेरे कार्यकाल में बहुत कुछ किया गया। मुझे उम्मीद है कि मेरे कार्यकाल के दौरान किया गया यह सबकुछ सिर्फ इसलिए नहीं भुला दिया जाएगा कि मैं फिर से भाजपा के साथ हूं।’’ जदयू अध्यक्ष ने वर्ष 2015 में और फिर 2022 में कट्टर प्रतिद्वंद्वी लालू प्रसाद की राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के साथ अल्पकालिक गठबंधन किया।