जयपुर। बांसवाड़ा-डूंगरपुर संसदीय सीट के लिए नाम वापसी के ठीक एक दिन पहले रविवार को कांग्रेस ने भारत आदिवासी पार्टी (बीएपी) को समर्थन का ऐलान कर दिया। इससे चुनाव में बीएपी का भाजपा से सीधा मुकाबला तय हो गया है। इस संबंध में कांग्रेस के राजस्थान प्रभारी सुखजिंदर सिंह रंधावा ने सोशल मीडिया पर पोस्ट किया।
रंधावा ने पोस्ट में लिखा कि भारत के संविधान और लोकतंत्र को बचाना हमारा प्राथमिक उद्देश्य है। इसलिए, चुनाव में बीएपी प्रत्याशी का बांसवाड़ा संसदीय सीट और बागीदौरा के उपचुनाव में आईएनसी समर्थन करेगी।
इस निर्णय की जानकारी पर हालांकि बांसवाड़ा और डूंगरपुर दोनों जिलों के नेता सकते में हैं। दूसरी ओर, मौजूदा राजनीतिक परिदृश्य में अब बांसवाड़ा संसदीय सीट पर स्पष्ट रूप से भाजपा और बीएपी का मुकाबला तय हो गया है। यहां भाजपा ने पहले कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे महेंद्रजीत सिंह मालवीया को तो बीएपी ने चौरासी (डूंगरपुर) विधायक राजकुमार रोत को चुनाव मैदान में उतारा है।
इसके बाद चार अप्रैल को नामांकन के आखिरी समय में कांग्रेस ने नए चेहरे अरविंद डामोर से पर्चा भरवाया था। इससे पहले बीएपी और कांग्रेस में इंडिया गठबंधन को लेकर चर्चा लंबे समय से थी, लेकिन तालमेल नहीं बैठने से एक के बाद एक दोनों पार्टियों ने उम्मीदवार उतारे। फिर, नामांकन के आखिरी दिन बीएपी प्रत्याशी ने लोकतंत्र बचाने की दुहाई देकर पोस्ट किया और अब कांग्रेस की ओर से आए पोस्ट ने तस्वीर स्पष्ट कर दी है। इससे पहले हाल ही हुए विधानसभा चुनाव की दृष्टि से देखा जाए तो बांसवाड़ा संसदीय क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में पांच पर कांग्रेस, दो पर भाजपा और एक पर बीएपी का कब्जा हुआ। कांग्रेस भारी पड़ी, लेकिन इन सभी सीटों पर टक्कर में बीएपी रही। उधर, उदयपुर लोकसभा क्षेत्र की आठ विधानसभा सीटों में दो पर बीएपी कब्जा है।इस संबंध में बांसवाड़ा के कांग्रेस जिलाध्यक्ष रमेशचंद्र पंड्या का कहना है कि मुझे भी रात में पोस्ट मिला। अब पार्टी के शीर्ष नेतृत्व का निर्णय है, तो पालना की जाएगी।