लखनऊ, 4 अप्रैल। अमूमन चुनाव के दौरान राजनीतिक दल बड़ी-बड़ी रैलियां-महारैलियां, रोड शो, रथयात्रा, पदयात्रा और नुक्कड़ सभाएं करते हैं। सोशल मीडिया के जमाने में ऑनलाइन प्लेटफॉर्म के जरिए भी प्रचार करके जनमत को अपने पक्ष में करने की कवायद राजनीतिक दलों की ओर से चल रही हैं। इसके साथ ही इस लोकसभा चुनाव में उत्तर प्रदेश प्रचार अभियान के एक अनोखे प्रयोग का भी साक्षी बन रहा है। ये अभियान है प्रबुद्धजनों को जगाने का। प्रबुद्धजन, जिसे आमतौर पर ‘ओपीनियन लीडर्स’ भी कहते हैं। ये वही समूह है जो सदियों से समाज के व्यवहार को प्रभावित करने की सबसे ज्यादा क्षमता रखता है। डॉक्टर्स, इंजीनियर्स, अधिवक्ता, लेखक, शिक्षक, प्रोफेसर्स, चार्टेड अकाउंटेंट, बड़े उद्यमी, व्यापारी वर्ग एवं अन्य प्रोफेशनल्स, जिसे समाज में शिक्षित और पढ़ा-लिखा वर्ग माना जाता है। हालांकि आंकड़े बताते हैं कि ये समाज ही चुनाव, खासकर मतदान के दिन सबसे अधिक निष्क्रिय रहता है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अब इसी समाज को जगाकर प्रदेश की 80 लोकसभा सीटों को साधने में जी-जान से जुटे हुए हैं।
2023 में भी सफल हुआ था प्रयोग
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से प्रदेश के लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों में प्रबुद्धजनों से संवाद स्थापित करते हुए मतदान प्रतिशत को बढ़ाने के लिए पूरा जोर लगा दिया गया है। हालांकि, प्रबुद्धजनों से संवाद का ये अनोखा प्रयोग गत वर्ष यूपी में हुए नगरीय निकाय चुनावों के दौरान भी देखने को मिला था, जिसका भरपूर फायदा बीजेपी को मिला और सभी 17 नगर निगमों में महापौर के अलावा 89 नगर पालिका और 191 नगर पंचायत में अध्यक्ष की कुर्सी पार्टी ने अपने खाते में दर्ज करा ली थी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एक बार फिर प्रदेश के प्रबुद्धजनों के जरिए ‘मिशन 80’ के लक्ष्य को पूरा करने में जी-जान से जुटे हुए हैं। सीएम योगी ने अबतक प्रदेश के तकरीबन 25 से अधिक लोकसभा निर्वाचन क्षेत्रों के प्रबुद्धजनों से सीधे संवाद बनाते हुए अपनी रणनीतिक कौशल का परिचय दे दिया है। चुनाव के वक्त समाज का जो वर्ग सबसे ज्यादा उदासीन दिखता है, मुख्यमंत्री अब उसी समुदाय को जगाने के लिए धुआंधार दौरे कर रहे हैं।
एक एक वोट की ताकत समझा रहे योगी
सीएम योगी ने 27 मार्च से 4 अप्रैल तक पश्चिमी उत्तर प्रदेश के 15 जनपदों में जाकर लाखों की संख्या में प्रबुद्धजनों से संवाद स्थापित किया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ओपीनियन लीडर्स के समूह को जनता के बीच जाकर मताधिकार के लिए जागरूक करने का आह्वान किया है। इसके अंतर्गत मुख्यमंत्री का सर्वाधिक फोकस इस बात पर है कि जनता अपने एक-एक वोट की ताकत को समझे और पोलिंग बूथों पर पहुंचकर देशहित में मतदान करे। सीएम योगी 2014 से पहले के भारत और 2017 से पहले के यूपी की दशा और वर्तमान उपलब्धियों को भी प्रबुद्धजनों के सामने रख रहे हैं। सीएम योगी शिक्षा, सुरक्षा, स्वास्थ्य, समृद्धि और सुविधाओं की लंबी शृंखला का वर्णन करने के साथ ही आस्था और विरासत का सम्मान और देशहित के लिए मत, मजहब, जाति, पंथ से ऊपर उठकर मतदान के दिन सचेत होकर वोट देने की अपील भी कर रहे हैं।