इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाए.

 मी टू अभियान के जोर पकड़ने के साथ अखबार में काम कर चुकीं 19 महिला पत्रकार अपनी सहकर्मी प्रिया रमानी के समर्थन में आईं जिन्होंने केंद्रीय मंत्री एम जे अकबर पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है. इन महिला पत्रकारों ने एक संयुक्त बयान में रमानी का समर्थन करने की बात कही और अदालत से आग्रह किया कि अकबर के खिलाफ उन्हें सुना जाए. उन्होंने दावा किया कि उनमें से कुछ का अकबर ने यौन उत्पीड़न किया तथा अन्य इसकी गवाह हैं.महिला पत्रकारों ने अपने हस्ताक्षर वाले संयुक्त बयान में कहा, ‘‘रमानी अपनी लड़ाई में अकेली नहीं है. हम मानहानि के मामले में सुनवाई कर रही माननीय अदालत से आग्रह करते हैं कि याचिकाकर्ता के हाथों हममें से कुछ के यौन उत्पीड़न को लेकर तथा अन्य हस्ताक्षरकर्ताओं की गवाही पर विचार किया जाए जो इस उत्पीड़न की गवाह थीं.’’ 

एमजे अकबर के खिलाफ बयान पर दस्तखत करने वालों में मीनल बघेल, मनीषा पांडेय, तुषिता पटेल, कणिका गहलोत, सुपर्णा शर्मा, रमोला तलवार बादाम, होइहनु हौजेल, आयशा खान, कुशलरानी गुलाब, कनीजा गजारी, मालविका बनर्जी, ए टी जयंती, हामिदा पार्कर, जोनाली बुरागोहैन, मीनाक्षी कुमार, सुजाता दत्ता सचदेवा, रेशमी चक्रवाती, किरण मनराल और संजरी चटर्जी शामिल हैं.

डेक्कन क्रॉनिकल की एक पत्रकार क्रिस्टीना फ्रांसिस ने भी इस बयान पर हस्ताक्षर किए हैं. अकबर ने अपने ऊपर लगे आरोपों को खारिज करते हुए सोमवार को रमानी के खिलाफ आपराधिक मानहानि की शिकायत दायर की थी.

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