अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी प्रशासन ने आतंकी मन्नान वानी की मौत के बाद जनाजे और नमाज में देश विरोधी नारे लगाए जाने के मामले में निलंबित दो छात्रों का निलंबन रद्द कर दिया है. एएमयू ने दोनों छात्रों वसीम अयूब मालिक और अब्दुल हसीब मीर को निलंबित किया था. अब उनका निलंबन वापस ले लिया है. अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के प्रवक्ता शाफे किदवई ने मामले में जानकार देते हुए बताया कि एमएमयू प्रशासन ने एक जांच कमेटी बनाई थी, जिसको 72 घंटे में रिपोर्ट देनी थी. उस कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि इन छात्रों का अपराध ऐसा नहीं पाया गया है कि उन्हें निलंबित किया जाए. इसलिए उनका निलंबन वापस लिया गया है.
इनके अलावा जिन छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया था, उन छात्रों में से कुछ का जवाब भी आ गया है. उसी अनुसार कार्यवाही की जाएगी. वहीं पुलिस की ओर से जो एफआईआर दर्ज की गई थी, पुलिस उसका जवाब देगी.
बता दें कि जम्मू-कश्मीर के हंदवाड़ा में 10 अक्टूबर की रात को सुरक्षाबलों ने हिजबुल के दो आतंकियों को मार गिराया था. इनमें से एक आतंकी मनान वानी पूर्व में अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का छात्र रह चुका है. 11 अक्टूबर को अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के कुछ छात्र उसकी मौत पर एकजुट हुए. इसके बाद बवाल मच गया. इस मामले को लेकर एएमयू के रजिस्ट्रार ने जानकारी दी थी कि इस मामले में 2 छात्रों को सस्पेंड कर दिया गया है. रजिस्ट्रार ने कहा था कि वह पहले एएमयू का छात्र था, लेकिन उसे निष्कासित कर दिया गया था. अब इस मामले में एएमयू का कोई लेना-देना नहीं है.
अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में देश विरोधी नारे लगने का वीडियो वायरल होने के बाद एएमयू प्रशासन ने 9 कश्मीरी छात्रों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की थी. यूनिवर्सिटी प्रशासन ने मामले में 9 कश्मीरी छात्रों को कारण बताओ नोटिस जारी किया है. एएमयू प्रशासन ने मामले में कार्रवाई करते हुए दो छात्रों को सस्पेंड भी कर दिया था. बताया जा रहा है, ये दोनों वही छात्र हैं, जिनके खिलाफ पुलिस ने नामजद केस दर्ज किया है. आपको बता दें कि इन दोनों छात्रों के खिलाफ पुलिस ने धारा 121, 121A (देशद्रोह) का मुकदमा दर्ज किया है.
मनान वानी ने जनवरी के महीने में PhD की पढ़ाई बीच में छोड़कर आतंकी संगठन हिजबुल को ज्वाइन किया था. बता दें कि 6 जनवरी, 2018 को उसे दिल्ली से कश्मीर जाना था. इसी दौरान उसकी एके-47 के साथ तस्वीर सोशल मीडिया पर आ गई थी. यह खबर मिलते ही AMU प्रशासन ने उसे यूनिवर्सिटी से निष्काषित कर दिया था.