मोदी ने कहा कि आज जब गरीब मुझे आशीर्वाद देते हैं तो विपक्ष मुझे और गरीब दोनों को गाली देता है लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मादी की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बुधवार को कहा कि चुनाव का बिगुल बजते ही विपक्ष ने उन्हें औरंगजेब कहकर 104वां अपशब्द बोला है। उन्होंने साफ तौर पर कहा कि इससे कुछ नहीं होगा, क्योंकि हम लोकसभा चुनाव में जीत हासिल करेंगे। उन्होंने ‘‘फिर एक बार, मोदी सरकार’’ के नारे का जिक्र करते हुए कहा कि ‘‘देश ने अपना मन बना लिया है।’’ इन सभी दुर्व्यवहारों के बावजूद, लोगों ने तीसरी बार मोदी सरकार को चुनने का मन बना लिया है, पीएम ने कहा कि नई सरकार का रोडमैप पहले ही रखा जा चुका है।मोदी ने कहा कि आज जब गरीब मुझे आशीर्वाद देते हैं तो विपक्ष मुझे और गरीब दोनों को गाली देता है लेकिन कोई फर्क नहीं पड़ता। शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मादी की तुलना मुगल बादशाह औरंगजेब से की। राउत ने कहा, ‘‘(गुजरात में) दाहोद नामक एक जगह है जहां मोदी पैदा हुए। औरंगजेब भी वहीं पैदा हुआ था। इसलिए यह औरंगेजेबी प्रवृति गुजरात एवं दिल्ली से महाराष्ट्र की ओर तथा शिवसेना एवं हमारे आत्मसम्मान के खिलाफ बढ़ रही है। यह मत कहिए कि मोदी आये हैं, कहिए कि औरंगजेब आया है। हम उन्हें दफन कर देंगे।
राउत पर पलटवार करते हुए भाजपा प्रवक्ता और राज्यसभा सदस्य सुधांशु त्रिवेदी ने नयी दिल्ली में कहा कि शिवसेना उन लोगों के साथ खड़ी हो गयी जिन्होंने औरंगजेब का यशोगान किया है। उन्होंने कहा, ‘‘ देश के लोग ऐसे सभी हमलों का प्रभावी तरीके से जवाब देंगे। मोदी ने कहा कि 2014 से पहले सरकार अपने ‘‘घोटालों’’ का बचाव करने के लिए झूठ का सहारा लेती थी, लेकिन अब स्थिति उलट गई है क्योंकि उनकी सरकार भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई कर रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि भ्रष्टाचारियों के खिलाफ कार्रवाई करना उनकी प्रतिबद्धता है।
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प्रधानमंत्री ने 2004-14 के दौरान कांग्रेस नीत संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (संप्रग) सरकार का परोक्ष तौर पर जिक्र करते हुए कहा कि पिछली सरकार के तहत अधिकांश राशि भ्रष्टाचारियों की जेब में चली जाती थी। मोदी ने कहा कि अगले पांच साल ‘‘अभूतपूर्व परिवर्तन, विकास और विस्तार’’ के होंगे और यह उनकी गारंटी है। उन्होंने कहा कि भारत के पास किसी भी देश से पीछे रहने का कोई कारण नहीं है और लोगों को ‘‘राष्ट्र पहले’’ दृष्टिकोण के साथ काम करना होगा।