: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता आनंद शर्मा ने राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) का नाम लिये बिना सोमवार को कहा कि संगठन को प्रतिबंधित करने के सरदार वल्लभभाई पटेल के 1948 के आदेश को उनकी विशालकाय प्रतिमा ‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’ के नीचे लगाया जाना चाहिए जिसका अनावरण गुजरात के नर्मदा जिले में जल्द किया जाएगा
शर्मा ने यहां मीडिया से बात करते हुए उल्लेख किया कि यह कदम लोगों को बताएगा कि देश के प्रथम गृहमंत्री उनके (आरएसएस) बारे में क्या सोचते थे. उन्होंने कहा, ‘‘उनके (आरएसएस…भाजपा के) अपने नायक नहीं हैं…इसलिए वे सरदार पटेल की ‘स्टैच्यू आफ यूनिटी’ बना रहे हैं और वह भी चीन में निर्मित है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘महात्मा गांधी की हत्या के बाद पटेल का 1948 में लिखित एक आदेश है…उस आदेश को प्रतिमा के नीचे लगाया जाना चाहिए ताकि देश को उनके बारे में पटेल की सोच का पता चले।.’’ हालांकि वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने आरएसएस का नाम नहीं लिया, लेकिन उनका इशारा परोक्ष रूप से गांधी की हत्या के बाद संगठन पर लगाये गए प्रतिबंध की ओर था जिसे बाद में हटा लिया गया था.
बता दें कि सरदार वल्लभभाई पटेल को समर्पित दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा ‘स्टैच्यू ऑफ यूनिटी’ को अंतिम रूप देने का काम पूरी रफ्तार से चल रहा है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 31 अक्टूबर को इसका अनावरण करेंगे. नर्मदा नदी के पास साधु बेट द्वीप पर स्थित प्रतिमा के लिए लगातार करीब 3400 मजदूर और 250 इंजीनियर काम कर रहे हैं.
भारत के पहले गृह मंत्री सरदार पटेल की जयंती पर प्रधानमंत्री 182 मीटर ऊंची प्रतिमा का अनावरण करेंगे. सरदार सरोवर नर्मदा निगम लिमिटेड (एसएसएनएल) के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक एस एस राठौड़ ने यहां संवाददाताओं को बताया कि नर्मदा बांध के निचले इलाके में दुनिया की सबसे ऊंची प्रतिमा 2389 करोड़ रूपये की लागत से तैयार की जा रही है.