लखनऊ। उत्तर प्रदेश के शहरी इलाकों में जनता अपने लिए चलने योग्य सड़कें मांग रही है। गोरखपुर, लखनऊ, वाराणसी जैसे शहरों में कुछ रिहायसी इलाकों में जर्जर या सड़क नहीं होने के कारण स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। इसमें से कुछ सड़कें लोक निर्माण विभाग को बनाना है तो कुछ सड़कें मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना में बननी है।
गोरखपुर जनपद में रामजानकी नगर कालोनी मार्ग पर बने हरीओम नगर में प्रज्ञान स्कूल के गेट नम्बर दो के सामने की सड़क बननी है। जिसे स्थानीय पार्षद ने अपने पैड पर लिखकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा है। मुख्यमंत्री सड़क सुधार योजना से पार्षद ने इस सड़क को बनाने के लिए प्रार्थना भेजी है। स्थानीय लोगों की पिछले एक वर्ष से अपनी सड़क बनाने की मांग बनी हुई है।
रामजानकी नगर मार्ग पर रहने वाले कीर्तीभूषण ने कहा कि सड़क ना बनने के कारण नालियां और सड़क एक बराबर हो गये हैं। नाली का गंदा पानी गड्ढों में आ रहा है। घरों से निकलने पर गड्ढे के गंदे पानी से बचकर आगे बढ़ने पर जनता विवश है। हमारी विधानसभा से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ही विधायक हैं, ऐसे में अपने विधायक तक बातों को पहुंचाने के लिए पार्षद के माध्यम से पत्र भेजवाया गया है।
लखनऊ के तकरोही मार्ग पर बनी हिमसिटी कालोनी में सड़क ना होने के कारण बड़े गड्ढे हो गये हैं। गड्ढें में लोगों के वाहन आये दिन फंसते और गिरते हैं। कॉलोनी के रहने वाले राधेश्याम ने कहा कि स्थानीय पार्षद और विधायक तक सड़क बनाने की मांग की गयी है। सड़क के लिए बार-बार कहने के बावजूद भी आज तक विधायक योगेश शुक्ल सड़क देखने तक नहीं आये।
उन्होंने कहा कि एक बार फिर से लिखित पत्र विधायक योगेश शुक्ला के कार्यालय पर दिया गया है। वहीं सड़क बनवाने के लिए मई तक इंतजार करने को कहा गया है। एक वर्ष में छह माह तक केवल सड़क बनवाने के लिए दौड़ना पड़ रहा है। वहीं लोकसभा चुनाव में मोहनलालगंज सीट से भाजपा के उम्मीदवार का फोन अपने वोट के लिए आना शुरु हो गया है। सड़क नहीं मिल रही है तो कैसे भाजपा उम्मीदवार को वोट किया जाये।
वाराणसी में अशोक बिहार नगर कॉलोनी के रहने वाले लोगों ने अपने विधायक व प्रदेश सरकार में मंत्री रविन्द्र जायसवाल से सड़क बनवाने की मांग की। लोगों के आक्रोश को बढ़ता हुआ देखकर मंत्री श्री जायसवाल ने शहर उत्तर विधानसभा के अपने क्षेत्र में सड़क को लेकर दौरा किया। इस दौरान अशोक बिहार नगर कॉलोनी मार्ग पर भी रविन्द्र जायसवाल गये। जहां के सड़क की स्थिति को उन्होंने देखा और इसके बाद सड़क बनवाने के लिए पत्र लिखा।