लखनऊ : उत्तर प्रदेश के राज्यपाल राम नाईक ने प्रधान डाकघर में आयोजित ‘राष्ट्रीय डाक सप्ताह’ के अवसर पर उत्तर प्रदेश डाक परिमण्डल में उत्कृष्ट सेवाओं के लिये अधिकारियों एवं कर्मचारियों को ‘डाक सेवा अवार्ड 2018’ प्रदान कर सम्मानित किया। राज्यपाल ने कहा कि 01 अक्टूबर 1854 को भारतीय डाक विभाग की शुरूआत 701 डाकघरों के साथ हुई थी। 164 वर्ष की अवधि में आज पूरे देश में 1,55,015 डाकघर हैं तथा उत्तर प्रदेश में 17,600 डाकघर हैं। भारतीय डाक को देश का पहला बचत बैंक होने का भी सम्मान प्राप्त है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 1 सितम्बर 2017 से भारतीय डाक भुगतान के नाम से महत्वपूर्ण बैंकिंग प्रणाली का शुभारम्भ किया है। उन्होंने कहा कि दूर-दराज के गांवों तक डाकघरों की पहुंच अपने आप में ऐतिहासिक है।
राज्यपाल ने इस अवसर पर आगरा परिक्षेत्र के सतेन्द्र सिंह, लखनऊ मुख्यालय परिक्षेत्र के भरत सिंह, गोरखपुर परिक्षेत्र केनीतीश गौड़, परिमण्डलीय कार्यालय लखनऊ के रंजीत सिंह, आगरा परिक्षेत्र केराजीव तिवारी, गाजियाबाद परिक्षेत्र की प्रियंका मिश्रा को प्रशस्ति पत्र एवं नगद पुरस्कार देकर सम्मानित किया। स्वच्छतम डाकघर के लिये जी0पी0ओ0 लखनऊ, स्वच्छतम रेल डाक सेवा कार्यालय के लिये आगरा परिक्षेत्र तथा स्वच्छतम स्पीड पोस्ट सेंटर के लिये आगरा परिक्षेत्र को भी सम्मानित किया गया।
कार्यालय में चीफ पोस्टमास्टर जनरल वीपी सिंह ने स्वागत उद्बोधन देते हुये कहा कि डाक बैंकिंग के प्रति लोगों में विश्वास बढ़ा है। कार्यक्रम में डाक सेवा पर आधारित एक लघु फिल्म भी प्रदर्शित की गयी। इस अवसर पर चीफ पोस्टमास्टर जनरल उत्तर प्रदेश परिमण्डल वी पी सिंह, पोस्टमास्टर जनरल आगरा क्षेत्र मनीषा सिंह, कानपुर क्षेत्र के विनोद कुमार वर्मा, बरेली क्षेत्र के आरकेबी सिंह, गोरखपुर क्षेत्र के संजय सिंह, वाराणसी क्षेत्र के प्रणव कुमार तथा डाक विभाग के अन्य अधिकारी व कर्मचारीगण उपस्थित थे।