नई दिल्ली : मासिक थोक मूल्य सूचकांक (डब्ल्यूपीआई) आधारित महंगाई सितम्बर में बढ़कर दो महीने के उच्चतम स्तर 5.13 प्रतिशत पर पहुंच गई। डब्ल्यूपीआई आधारित महंगाई अगस्त में 4.53 प्रतिशत और पिछले साल सितम्बर में 3.14 प्रतिशत थी। वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय ने सितम्बर 2018 माह के लिए थोक मूल्य सूचकांक की समीक्षा सोमवार को जारी की। जिसकी आधार वर्ष 2011-12 पर गणना की गई है। सितम्बर 2018 के दौरान ‘सभी जिंसों’ के लिए आधिकारिक थोक मूल्य सूचकांक, पिछले महीने के 120.1 अंक से 0.7 प्रतिशत बढ़कर 120.8 अंक हो गया। इस दौरान विभिन्न जिंस समूहों के सूचकांक में उतार-चढ़ाव देखे गए। प्राथमिक समूह का सूचकांक पिछले महीने के 135.1 अंक से 0.2 प्रतिशत बढ़कर 135.4 अंक हो गया। ‘खाद्य उत्पाद’ समूह का सूचकांक पिछले महीने के 144.8 अंक से 0.2 प्रतिशत घटकर 144.5 अंक रह गया। ऐसा समुद्री मछली (12%), अंडे एवं उड़द (प्रत्येक 3%), चना एवं रागी (प्रत्येक 2%) और फल-सब्जियों एवं मटर/चावली (प्रत्येक 1%) के दाम घटने के कारण संभव हुआ। हालांकि, पान के पत्ते (18%), चाय (4%), बाजरा (3%), अंतर्देशीय मछली, मसाले, मक्का एवं पोल्ट्री चिकन (प्रत्येक 2%) और अरहर, जौ, मांस, गेहूं, मसूर एवं मूंग (1%) के दाम बढ़ गए।
वहीं ‘खनिज’ समूह का सूचकांक पिछले महीने के 123.2 अंक से 9.7 प्रतिशत बढ़कर 135.2 अंक हो गया। ईंधन एवं बिजली समूह का सूचकांक पिछले महीने के 104.9 अंक से 2.2 प्रतिशत बढ़कर 107.2 अंक हो गया। ‘कोयला’ समूह का सूचकांक 123.0 अंक से 0.2 प्रतिशत बढ़कर 123.2 अंक हो गया। कोकिंग कोल का दाम 1 प्रतिशत बढ़ने के कारण ही इस समूह का सूचकांक ऊपर चला गया। केंद्र सरकार द्वारा सोमवार को जारी आंकड़ों के मुताबिक, सितंबर में पेट्रोल-डीजल और बिजली के दामों में 16.65 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई। पेट्रोल और डीजल में क्रमशः 17.21 फीसदी और 22.18 फीसदी की बढ़ोत्तरी दर्ज की गई। घरेलू गैस की कीमतों में भी 33.51 फीसदी की बढ़ोतरी दर्ज की गई।