पटना एम्स के डॉक्टरों ने कन्हैया कुमार पर मारपीट और डॉक्टरों से बदतमीजी का आऱोप लगाया है और आज सुबह से हड़ताल पर चले गए थे और जब कन्हैया कुमार पर एफआइआर दर्ज हुआ तो काम पर वापस आए। डॉक्टरों के इस कड़े रूख से पूरा अस्पताल प्रशासन सकते में है। डॉक्टरों ने कन्हैया कुमार और उनके समर्थकों पर बड़ा आरोप लगाया है और उनपर जल्द से जल्द कार्रवाई करने की मांग की है।
डॉक्टरों का आरोप है कि कन्हैया कुमार रविवार को अपने एक साथी से मिलने अस्पताल आए थे और इस दौरान उनके साथ आए लोगों ने अस्पताल के गार्ड से बदतमीजी की। गार्ड ने एक साथ इतने लोगों को वार्ड में जाने से रोका तो उन्होंने धमकी दी। साथ ही उनके लोगों ने महिला नर्सों और डॉक्टरों से भी बदमीजी की।
डॉक्टर इस तरह की घटना के बाद काफी नाराज हैं और अपनी सुरक्षा को लेकर उन्होंने अस्पताल प्रशासन से बात की है और प्रशासन से मिले आश्वासन के बाद काम पर लौटे हैं। डॉक्टरों ने अस्पताल प्रशासन से अपनी सुरक्षा की मांग की है।
उन्होंने स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय और स्वास्थ्य सचिव को भी पत्र लिखा है और अपनी मांगों को पूरा करने की गुजारिश की है। डॉक्टरों की हड़ताल से स्वास्थ्य सेवाओं पर असर पड़ने की पूरी संभावना है।
मरीज सुशील कुमार ने लगाए आरोप
वहीं, पटना एम्स में भर्ती एआइएसएफ के नेता सुशील कुमार ने स्वास्थ्य मंत्री अश्विनी चौबे के समर्थक लोगों पर आरोप लगाया है कि कुछ भाजपा समर्थित डॉक्टरों ने एम्स में चल रहे मेरे इलाज को बंद करने एवं नाम काटने की धमकी दी है और कहा आज कहा कि इसका ड्रेसिंग या इलाज कोई नहीं करेगा।
मैं 6 अक्तूबर से ही पटना एम्स के अॉर्थोपेडिक वॉर्ड, C 3A के बेड नंबर 1 पर भर्ती हूं। पहले ही दिन से परिजनों एवं मिलने आने वाले लोगों से दुर्व्यवहार एवं इलाज में कोताही की जा रही है। 10 अक्टूबर को मेरे दाएं कंधे का ऑपरेशन हुआ और इस दौरान एक खास विचारधारा से जुड़े लोगों ने टारगेट कर ये सब किया है।
सुशील ने कहा कि कल रविवार को जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार मुझसे मिलने संध्या 7 बजे आए थे। उनके साथ भी कल दो डॉक्टरों ने दुर्व्यवहार किया था। उनके साथ मौजूद पुलिस अंगरक्षकों ने भी हस्तक्षेप किया तब वह निकल पाए।