नई दिल्ली: बीते वर्ष के बहुतचर्चित मामले हिंडनबर्ग में सुप्रीम कोर्ट की ओर से बुधवार को बड़ा फैसला सामने आया है. खास बात यह है कि इस फैसले में देश की शीर्ष अदालत ने गौतम अडानी को बड़ी राहत दी है. दरअसल अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए सेबी की जांच को सही ठहराया है. यही नहीं इस केस की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को सीबीआई को नहीं सौंपने की भी बात कही है. सर्वोच्च न्यायालय का ये फैसला अडानी समूह के लिए राहत लेकर आया है.
नए साल का पहला हफ्ता ही गौतम अडानी के लिए अच्छी खबर लेकर आया है. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ की तीन सदस्यीय पीठ अडानी-हिंडनबर्ग केस पर सुनवाई में अहम फैसला सुनाया. इस फैसले के तहत अब सेबी ही जांच में किसी भी तरह का कोई दखल नहीं दिया जाएगा. कोर्ट ने SEBI की इन्वेस्टिगेशन से संतुष्टि जाहिर की है.
कोर्ट ने क्या कहा?
अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सुनवाई के बाद अपना फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि, सेबी की जांच में किसी भी तरह की अनियमितता नहीं पाई गई है. यही नहीं उन्होंने 24 मामलों पर जांच के लिए भी कहा, इनमें से 22 मामलों में जांच पूरी हो चुकी है जबकि 2 मामलों पर अभी इन्वेस्टिगेशन बाकी है. कोर्ट ने सेबी को इन बचे हुए दो मामलों में भी जान करने का निर्देश दिया है.
बता दें कि सुनवाई के दौरान शीर्ष अदालत ने कहा था कि प्रत्यायोजित कानून बनाने में सेबी के नियामक क्षेत्र में प्रवेश करने की सुप्रीम कोर्ट की शक्ति लिमिटेड यानी सीमित है. कोर्ट ने ये भी कहा था कि उनका दायरा यह देखना है कि क्या मौलिक अधिकार का उल्लंघन हुआ है या नहीं. इसके बाद अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने कहा नियमों को रद्द करने का निर्देश देने के लिए हमारे पास कोई वैध आधार नहीं हैं.
सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर क्या बोले गौतम अडानी?
अडानी ग्रुप के चेयरपर्सन गौतम अडानी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स के जरिए अपनी प्रतिक्रिया भी दी. उन्होंने लिखा- “सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पता चलता है कि सत्य की जीत हुई है, मैं उन लोगों का आभारी हूं जो हमारे साथ खड़े रहे, भारत की विकास गाथा में हमारा विनम्र योगदान जारी रहेगा.”
3 महीने में पूरी करना है बचे हुए 2 मामलों की जांच
कोर्ट के निर्देश के मुताबिक अब सेबी के बचे हुए 2 मामलों की जांच के लिए भी एक नियत वक्त दिया गया है. इसके तहत कोर्ट को अब तीन महीने यानी 90 दिनों में इन दोनों ही मामलों की जांच को अंतिम रूप देना है.
हिंडनबर्ग की रिपोर्ट कब आई थी?
बता दें कि बीते वर्ष जनवरी के महीने में ही हिंडनबर्ग की रिपोर्ट सामने आई थी. दरअसल 24 जनवरी 2023 को अमेरिका की शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने गौतम अडानी की सभी कंपनियों को लेकर एक रिपोर्ट प्रस्तुत की थी. इस रिपोर्ट में गंभीर आरोप लगाए गए थे.
वहीं अडानी समूह ने इन सभी आरोपों को निराधार और बेबुनियाद बताते हुए खारिज कर दिया था. हालांकि इन आरोपों के बीच अडानी समूह के शेयरों में जबरदस्त गिरावट दर्ज की गई थी. साथ ही अडानी की संपत्ति को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा था. इसके बाद मामला सीधे देश की सर्वोच्च अदालत तक जा पहुंचा.