अपने घरों के बाहर आरक्षण के विरोध में तख्तियां लगा रखी हैं। जिसमें लिखा है, मैं सामान्य वर्ग से हूं, कृपया वोट मांगने न आएं।

साल 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव और मध्यप्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में एसटी/एसटी आरक्षण बड़ा चुनावी मुद्दा बन गया है। आरक्षण को लेकर सामान्य वर्ग के गुस्से का सीधा असर चुनाव पर पड़ेगा, जो सरकार की परेशानी बढ़ा सकता है। एसटी/एसटी आरक्षण को लेकर सामान्य वर्ग के विरोध और प्रदर्शन के बीच अब मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में स्थानीय लोगों ने अपने घरों के बाहर आरक्षण के विरोध में बैनर लगा रखे हैं। जिसमें उन्होंने सीधे-सीधे चेतावनी देते हुए लिखा है, ‘मैं सामान्य वर्ग से हूं, कृपया कोई भी राजनैतिक दल वोट मांग कर शर्मिंदा न करें।’

कोई राजनैतिक दल वोट मांगने न आए….
लोगों के घरों में बाहर लगे इन बैनरों में साफ-साफ शब्दों में लिखा है कि वे चुनाव में नोटा का इस्तेमाल करेंगे। साथ ही, लोगों ने सामान्य वर्ग के सभी लोगों से आगामी चुनाव में नोटा का इस्तेमाल करने की अपील भी की है। नोटा का मतलब होता है कि किसी भी दल को वोट न देना यानी किसी भी पार्टी के उम्मीदवार पर भरोसा न होना।

…तो हम नोटा के लिए वोट देंगे
भोपाल में स्थानीय लोगों का कहना है, ‘एससी/एसटी आरक्षण को खत्म कर देना चाहिए। यह सामान्य वर्ग को बड़े पैमाने पर प्रभावित कर रहा है। यदि यह जारी रहता है तो हम आगामी चुनावों में निश्चित रूप से नोटा के लिए वोट देंगे।’

गौरतलब है कि 29 नवंबर को मध्य प्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए मतदान होगा। ऐसे में सामान्य वर्ग की नाराजगी चुनाव परिणामों पर बड़ा असर डाल सकती है। सामान्य वर्ग आरक्षण के विरोध में है, उनका कहना है कि आरक्षण के कारण सामान्य वर्ग की स्थिति खराब होती जा रही है। सवर्ण जाति के लोगों की मांग है कि आरक्षण व्यवस्था को आर्थिक आधार पर ही समाज में लागू कराया जाए।

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