नई दिल्ली : पुलिस की क्राइम ब्रांच ने इंडियन टेरिटोरियल आर्मी और इंडियन रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर हरिद्वार से फर्जी जॉब रैकेट चलाने वाले मास्टरमाइंड को गिरफ्तार कर लिया है। यह गिरोह न केवल नौजवानों को ठगने में लगा था बल्कि इसने कैंटोनमेंट इलाके में अभ्यर्थियों के इंटरव्यू और फिजिकल टेस्ट का भी फर्जीवाड़ा किया हुआ था। इसकी गिरफ्तारी पर 50 हजार रुपये के इनाम की घोषणा थी। डीसीपी राम गोपाला नाइक ने बताया कि इस शिकायत के बाद कार्रवाई करते हुए एक्टिव हुई पुलिस टीम ने इस रैकेट में शामिल अमित कुमार, सुनील कुमार, प्रदीप, देवेंद्र और संदीप को गिरफ्तार कर लिया था जबकि इस रैकेट का मास्टरमाइंड पुलिस को चकमा देता घूम रहा था।
एक सटीक सूचना के बाद एसीपी श्वेता चौहान के नेतृत्व में इंस्पेक्टर कैलाश चंद्र, एसआई नागेंद्र सिंह, चन्दन कुमार, एएसआई प्रियवृत, विष्णु और हाशिम खान की टीम ने कई जगहों पर छापेमारी की और इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस के बाद इस रैकेट के मास्टरमाइंड को हरिद्वार से गिरफ्तार कर लिया। पुलिस के मुताबिक क्राइम ब्रांच में 3 मई, 2018 को दर्ज एफआईआर के अनुसार चरखी दादरी (हरियाणा) निवासी सुधीर ने शिकायत दर्ज कराई कि आरोपितों ने इंडियन आर्मी, रेलवे और ओएनजीसी में भर्ती के नामा पर उसे और अन्य लोगों से पांच लाख रुपये ठग लिये थे। इस गिरोह ने पीड़ितों का न केवल आर्मी ग्राउंड में फिजिकल टेस्ट कराया बल्कि अस्पताल में मेडिकल भी कराये गए थे। आर्मी इलाकों में इंटरव्यू के बाद आरोपितों ने पीड़ितों को बाकायदा नौकरी के फर्जी नियुक्ति पत्र तक दे दिए थे।रेसलिंग छोड़ शुरू किया ठगी का धंधा
क्राइम ब्रांच के हत्थे चढ़ा योगेंद्र उर्फ़ बंटी दसवीं तक पढ़ा लिखा है जबकि इसके पिता किसान थे। युवावस्था में यह रेसलिंग में कैरियर बनाना चाहता था लेकिन गलत संगत में आकर यह आपराधिक गतिविधियों में शामिल हो गया। वर्ष 2004 में यह भिवाड़ी, हरियाणा में हुई हत्या के आरोप में गिरफ्तार हुआ था। कुछ समय पहले यह कुछ अन्य लोगों के साथ मिलकर शीघ्र पैसा कमाने की लालच में धोखाधड़ी के धंधे में जुड़ गया था। इसने नौजवानों को ठगने के लिए इंडियन आर्मी, इंडियन रेलवे में नौकरी दिलाने के नाम पर ठगी का एक रैकेट तैयार किया। अपने धंधे में कुछ रिटायर्ड आर्मी कर्मियों को भी जोड़ लिया ताकि कैंटोनमेंट इलाके में इसका आसानी से दखल हो सके।