( शाश्वत तिवारी): ऑस्ट्रेलिया जल्द ही ‘मैत्री’ फेलोशिप कार्यक्रम शुरू करेगा, जिसके तहत भारतीय शोधकर्ताओं को ऑस्ट्रेलिया में एक थिंक-टैंक में छह महीने से दो साल तक का समय बिताने का मौका मिलेगा। दिल्ली विश्वविद्यालय के लेडी श्रीराम कॉलेज में मंगलवार को एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों के साथ बातचीत करते हुए ऑस्ट्रेलियाई विदेश मंत्री पेनी वोंग ने इसकी घोषणा की। वोंग ने बताया कि ‘मैत्री’ फेलोशिप के तहत भारतीय छात्र उनके देश के किसी भी थिंक-टैंक में छह महीने से दो साल तक बिता सकेंगे और साथ ही ऑस्ट्रेलियाई शोधकर्ता भी भारतीय संस्थानों में इतने ही समय के लिए शोध कर सकेंगे।
वोंग ने कहा थिंक टैंक और नागरिक समाज समूह न केवल भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच, बल्कि हिंद महासागर क्षेत्र के देशों के बीच संबंधों को बढ़ावा देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं। भारत के आधिकारिक दौरे पर आई वोंग ने इससे पहले नई दिल्ली में भारत-ऑस्ट्रेलिया ‘टू प्लस टू’ मंत्रिस्तरीय वार्ता में हिस्सा लिया। उन्होंने विदेश मंत्रियों के फ्रेमवर्क डायलॉग के लिए विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर से मुलाकात की जिस दौरान दोनों नेताओं ने दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने पर चर्चा की।
गौरतलब है कि भारत और ऑस्ट्रेलिया के बीच मजबूत होते संबंधों में शिक्षा क्षेत्र का भी महत्वपूर्ण योगदान है। मार्च 2023 में ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री एंथनी अल्बनीज ने घोषणा की थी कि ‘ऑस्ट्रेलिया-भारत शिक्षा योग्यता मान्यता तंत्र’ को अंतिम रूप दे दिया गया है। उन्होंने कहा था कि अब भारतीय डिग्रियों को ऑस्ट्रेलिया में मान्यता दी जाएगी।