लखनऊ में एपल के एरिया मैनेजर की गोली मारकर हत्या के मामले में आलोचना झेल रही यूपी पुलिस का एक और शर्मनाक चेहरा सामने आया है। अब दिल्ली से सटे गाजियाबाद में यूपी पुलिस के तीन जवानों ने एक दंपति से अभद्रता की है। पुलिस वाले यहीं नहीं रुके, अभद्रता का विरोध करने पर उन्होंने पति-पत्नी को मारपीट कर फर्जी मुकदमे में जेल भी भेज दिया।पुलिसिया बदसलूकी की ये घटना गाजियाबाद में बुधवार रात घटी है। कविनगर थाना क्षेत्र में केंद्रीय विद्यालय के पास कार सवार भाजपा पार्षद के बहन-बहनोई से संजय नगर सेक्टर-23 पुलिस चौकी इंचार्ज ने न सिर्फ अभद्रता कर दी, बल्कि पिटाई करते हुए फर्जी मुकदमा दर्ज कर जेल भी भेज दिया। गुरुवार को भाजपा नेताओं व पीड़ित दंपती की शिकायत पर एसएसपी ने कविनगर थाना प्रभारी निरीक्षक प्रदीप त्रिपाठी, एसएसआइ हिंदवीर सिंह और सेक्टर-23 चौकी प्रभारी बलराम सिंह सेंगर को निलंबित कर दिया।
मुजफ्फरनगर के बुढ़ाना कोतवाली क्षेत्र के गांव बिराल निवासी धन सिंह गोविंदपुरम में परिवार के साथ रहते हैं। बुधवार रात वह किसी काम से जा रहे थे। इसी दौरान पत्नी मंजू चौहान ने फोन किया और किसी काम के लिए पैसों की मांग की। धन सिंह उस समय केंद्रीय विद्यालय के पास थे। उन्होंने पत्नी को वहीं बुला लिया।
केन्द्रीय विद्यालय के पास पहुंचकर मंजू ने स्कूटी को एक साइड खड़ा किया और पति की कार में बैठ गईं। तभी सेक्टर-23 चौकी प्रभारी बलराम सिंह सेंगर वहां पहुंच गए। उन्होंने कार का दरवाजा खुलवाकर पूछताछ शुरू कर दी। धन सिंह व मंजू चौहान ने बताया कि वे पति-पत्नी हैं। आरोप है कि उनके बताने के बावजूद चौकी इंचार्ज ने जांच करने की जगह उनसे अभद्रता शुरू कर दी।
चौकी प्रभारी उन्हें कार समेत थाने ले गया। आरोप है कि थाने में भी चौकी प्रभारी ने अन्य पुलिसकर्मियों की मौजूदगी में दंपति से मारपीट और अभद्रता की। इसके बाद दंपति के खिलाफ ही मारपीट और जानलेवा हमले का आरोप लगाते हुए कई गंभीर धाराओं में फर्जी मुकदमा दर्ज करा, जेल भेज दिया।
मामले का पता चलने पर भाजपा पार्षद तेजपाल राणा ने पार्टी के बड़े नेताओं को खबर दी। इसके बाद वह अन्य भाजपा नेताओं के साथ थाने पहुंचे। थाने में भाजपा नेताओं ने दंपति को छुोड़ने और आरोपी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई की मांग की। मामले से संज्ञान लेते हुए एसएसपी वैभव कृष्ण के आदेश पर चौकी इंचार्ज की तरफ से दर्ज मुकदमे से धारा 307 हटा दी गईं। इसके बाद गाजियाबाद की सीजेएम कोर्ट ने भी दंपती को जमानत पर रिहा कर दिया है।
एसएसपी वैभव कृष्ण का कहना है कि प्रथम दृष्टया आरोपों में सत्यता प्रतीत होने पर तीन पुलिसकर्मियों को निलंबित किया गया है। एसपी सिटी को पूरे मामले की विस्तृत जांच सौंपी गई है। उनकी जांच रिपोर्ट के आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। अगर इस मामले में कोई और पुलिसकर्मी दोषी पाया जाता है तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।