समाजवादी पार्टी के सरंक्षक मुलायम सिंह यादव ने एक बार फिर चरखा दांव लगाया है। लखनऊ में कल अखिलेश यादव के समाजवादी पार्टी के कार्यक्रम में शामिल न होने वाले मुलायम सिंह यादव आज शिवपाल सिंह यादव के समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के कार्यक्रम में पहुंचे।शिवपाल सिंह यादव ने समाजवाद के पुरोधा डॉ. राम मनोहर लोहिया की पुण्य तिथि पर लोहिया ट्रस्ट में एक कार्यक्रम का आयोजन किया था। लोहिया की पुण्य तिथि पर आज मुलायम सिंह यादव अपने छोटे भाई शिवपाल सिंह यादव के साथ रहे।लोहिया ट्रस्ट के कार्यालय में आयोजित इस कार्यक्रम में पूर्व राज्यसभा सदस्य तथा करीब पंद्रह दिन पहले शिवपाल सिंह यादव को आशीर्वाद देने वाले भगवती सिंह भी मौजूद थे।
मुलायम सिंह यादव और उनकी सियासत को समझना कतई आसान नहीं है। शिवपाल और अखिलेश की अदावत जगजाहिर है और मुलायम कभी शिवपाल के पक्ष में खड़े नजर आते हैं तो कभी अखिलेश के। वो चाहते क्या हैं ये राजनीति के जानकारों की समझ से बाहर है। अखिलेश यादव समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष हैं और शिवपाल सिंह यादव समाजवादी सेक्युलर मोर्चे के संस्थापक। दोनों ही मुलायम सिंह यादव को अपने साथ बताते हैं। मुलायम ने कभी किसी मंच पर नहीं कहा कि वो किसके साथ हैं। इसी के बाद से एक बार फिर कयासों का सिलसिला चालू हो गया है कि आखिर मुलायम किसके साथ हैं। शिवपाल सिंह के साथ या फिर अखिलेश यादव के साथ।
डॉ. राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर लोहिया ट्रस्ट कार्यालय में समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के कार्यक्रम में मुलायम सिंह यादव ने कहा कि गलत काम का विरोध होना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर भाई भी अपने छोटे भाई के साथ अन्याय करे तो उसका विरोध करो। उन्होंने कहा कि यह लोहिया जी की विचारधारा थी और मैं भी इससे सहमत हूं। उन्होंने कहा कि अन्याय कहीं भी हो, परिवार में हो, गांव में हो, शहर में हो, विरोध करना चाहिये। लोहिया जी ने भी हमेशा न्याय का साथ दिया और हर जगह पर अन्याय का विरोध किया।
इस अवसर पर समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संयोजक शिवपाल सिंह यादव ने कहा कि नेताजी (मुलायम सिंह यादव) का आशीर्वाद हमारे साथ था, है और रहेगा। उन्होंने कहा कि हम तो राजनीति में नेताजी के आदर्श पर चलते हैं। नेताजी हमारे साथ हैं तो हम लोग डॉ. लोहिया के आदर्शों पर चलते हुए क्रांति लाएंगे। हम तो देश व प्रदेश में परिवर्तन लाएंगे।
समाजवादी पार्टी के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के डॉ. राममनोहर लोहिया की पुण्यतिथि पर आयोजित कार्यक्रम में पहुंचने पर राजनीतिक सरगरमी एक बार फिर तेज हो गई है। लखनऊ में रहने के बाद भी वह समाजवादी पार्टी के उस कार्यक्रम में नहीं गए थे, जिसमें भाजपा सांसद शत्रुघ्न सिन्हा के साथ ही पूर्व केंद्रीय मंत्री व भाजपा के वरिष्ठ नेता यशवंत सिन्हा पधारे थे। इस कार्यक्रम का आयोजन जयप्रकाश नारायण की जयंती पर अखिलेश यादव ने किया था।