नई दिल्ली: भारतीय महिला हॉकी टीम रविवार को एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी के फाइनल में दक्षिण कोरिया से 0-1 से हार गई और इस कारण उसकी तीसरी खिताबी जीत की ख्वाहिश अधूरी रह गई. दक्षिण कोरिया ने हालांकि, फाइनल में जीत हासिल करने के साथ ही पहली एशियाई चैम्पियंस ट्रॉफी अपने नाम की है. इस मैच में दोनों टीमों के अच्छे डिफेंस का प्रदर्शन देखने का मौका मिला. इस कारण, पहले क्वार्टर फाइनल में दोनों टीमों में से कोई भी एक भी गोल नहीं दाग पाई.
दूसरे क्वार्टर में 19वें मिनट में दक्षिण कोरिया को पेनाल्टी कॉर्नर से गोल करने का मौका मिला, लेकिन इस टूर्नामेंट के लिए टीम की कप्तान और गोलकीपर सविता ने शानदार बचाव करते हुए इसे असफल कर दिया. इसी प्रकार का प्रदर्शन सविता ने 21वें मिनट में दिखाया, जब उन्होंने दक्षिण कोरिया को एक बार फिर मिले पेनाल्टी कॉर्नर के अवसर पर पानी फेर दिया. उन्होंने शानदार डाइव करते हुए गेंद को भारत के गोल पोस्ट तक नहीं पहुंचने दिया. हालांकि, भारत की किस्मत ज्यादा देर तक अच्छी नहीं रही.
दक्षिण कोरिया की खिलाड़ी यंगसिल ने 24वें मिनट में फील्ड गोल करते हुए अपनी टीम का खाता खोला. भारत ने अपने खेल में तेजी लाते हुए स्कोर को बराकर करने की कोशिश की, लेकिन असफल रही. तीसरे क्वार्टर में गोलकीपर सविता एक स्टार के रूप में उभरी. उन्होंने दक्षिण कोरिया की दूसरे गोल की हर कोशिश को नाकाम किया. 43वें मिनट में मेजबान टीम को पेनाल्टी कॉर्नर पर गोल का अवसर मिला था, लेकिन सविता ने एक बार फिर डाइव मारते हुए इसे नाकाम कर दिया.
भारतीय टीम का डिफेंस अच्छा काम कर रहा था, लेकिन जीत के लिए उसे गोल करने की जरूरत थी. भारतीय टीम ने एक भी गोल नहीं दागा. आक्रामक खेल दिखाने के बावजूद भारतीय टीम गोल नहीं दाग पाई और उसे अंत में दक्षिण कोरिया से 0-1 से हार का सामना करना पड़ा.