(शाश्वत तिवारी) : राष्ट्रीय राजधानी में 9वें भारतीय उद्योग परिसंघ-एलएसी कॉन्क्लेव में बोलते हुए विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्त्व तहत पिछले नौ वर्षों में भारत और लैटिन अमेरिकी और कैरेबियाई क्षेत्रों के बीच संबंध एक नए पथ पर आगे बढ़े हैं। जयशंकर ने भारत और लैटिन अमेरिका तथा कैरेबियाई क्षेत्रों के बीच बढ़ते द्विपक्षीय व्यापार और लोगों के बीच बढ़ते संबंधों पर प्रकाश डाला।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए जयशंकर ने कहा पिछले नौ वर्षों में जब से पीएम मोदी सत्ता में आए हैं, हमारे संबंध एक नए पथ पर आगे बढ़े हैं। इस क्षेत्र के साथ भारत के संबंधों को संपूर्ण दायरे में विकसित किया जा रहा है। लैटिन अमेरिका और कैरेबियाई क्षेत्रों में 34 उच्च-स्तरीय यात्राओं के साथ उल्लेखनीय भागीदारी देखी गई है, जिसमें राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति की छह-छह यात्राएं और प्रधानमंत्री की चार यात्राएं शामिल हैं।
उन्होंने कहा बेशक उनमें से सबसे हालिया हमारे राष्ट्रपति की सूरीनाम यात्रा है, जहां उन्हें देश के सर्वोच्च सम्मान से सम्मानित किया गया था। विदेश मंत्री ने इस बात पर भी जोर दिया कि उन्होंने स्वयं इस क्षेत्र का नियमित दौरा किया है, जो कि और भी अधिक हो सकता था यदि दो साल का कोरोना काल नहीं होता। मुझे उम्मीद है कि मैं अगले महीने क्यूबा में रहूँगा और मुझे अब भी पूरी उम्मीद है कि उस दौरान मुझे और अवसर मिलेंगे। लेकिन अब तक मैंने मेक्सिको, ब्राजील, अर्जेंटीना हाल ही में गुयाना, पनामा, डोमिनिकन गणराज्य में कोलंबिया का दौरा किया है।
उन्होंने कहा कि पराग्वे और डोमिनिकन गणराज्य में दो नए भारतीय दूतावास इस क्षेत्र के प्रति भारत की प्रतिबद्धता के और प्रमाण हैं। जयशंकर ने इस बात पर प्रकाश डाला कि वित्तीय वर्ष 2022-23 के दौरान दोनों क्षेत्रों के बीच द्विपक्षीय व्यापार बढ़कर 50 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है, जो हमारी आर्थिक साझेदारी की “ताकत और क्षमता” दोनों का प्रमाण है।