मोदी कैबिनेट के अहम फैसले, घाटे में चल रही पीएसयू होगी बंद
नई दिल्ली : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल (कैबिनेट) ने बुधवार को कई अहम फैसलों पर अपनी मुहर लगाई। इनमें रेलवे के गैर-राजपत्रित कर्मचारियों को 78 दिनों के वेतन के बराबर उत्पादकता बोनस, दो घाटाग्रस्त सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों को बंद करने सहित कई अहम फैसले शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने सभी पात्र लगभग 11.91 लाख गैर-राजपत्रित रेलवे कर्मचारियों (आरपीएफ / आरपीएसएफ कर्मियों को छोड़कर) के लिए वित्तीय वर्ष 2017-18 के लिए 78 दिनों की मजदूरी के बराबर उत्पादकता लिंक्ड बोनस (पीएलबी) के भुगतान को मंजूरी दे दी है। पात्र गैर-राजपत्रित रेल कर्मचारियों को पीएलबी के भुगतान के लिए निर्धारित मजदूरी गणना अधिकतम 7000 रुपये प्रति माह तक ही होगी। पात्र रेलवे कर्मचारी प्रति देय अधिकतम राशि 78 दिनों के लिए 17,951 रुपये है।
आर्थिक मामलों की कैबिनेट कमेटी ने तेल क्षेत्र के सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (पीएसयू) बैको लॉरी लिमिटेड (बीएलएल) को बंद करने को मंजूरी दे दी है। इस पीएसयू का घाटा कुल परिसंपत्तियों से भी बढ़ गया था। कंपनी के कर्मचारियों को स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (वीआरएस) / स्वैच्छिक पृथक्करण योजना (वीएसएस) देने सहित बैको लॉरी लिमिटेड (बीएलएल) को बंद करने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है। बीएलएल की निष्क्रिय संपत्तियों को बाद में सरकार के मौजूदा दिशा-निर्देशों के अनुसार सभी देनदारियों को पूरा करने के बाद उत्पादक उपयोग में डाल दिया जाएगा।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय जूट विनिर्माण निगम लिमिटेड (एनजेएमसी) और इसकी सहायक कंपनी बर्ड जूट एंड एक्सपोर्ट्स लिमिटेड (बीजेईएल) को बंद करने की मंजूरी दे दी है। स्थाई परिसंपत्तियों के साथ-साथ वर्तमान संपत्ति का निपटान 14 जून को हुई डीपीई के दिशानिर्देशों के अनुसार होगा। देनदारियों को पूरा करने के बाद संपत्तियों की बिक्री से प्राप्त आय, भारत के समेकित निधि में जमा की जाएगी। जून में हुई डीपीई दिशानिर्देशों के अनुसार भूमि प्रबंधन एजेंसी (एलएमए) संपत्तियों के निपटारे के लिए लगाई जाएगी। एलएमए को डीपीई दिशानिर्देशों के अनुसार अपना निपटान करने से पहले संपत्तियों का पूर्ण सत्यापन करने के लिए निर्देशित किया जाएगा।