लखनऊ : घसियारी मण्डी कैसरबार के कालीबाड़ी मन्दिर में नवरात्र उत्सव बुधवार से शुरु हुआ। प्रथम दिन पुजारी अमित गोस्वमी ने सुबह सात बजे घट स्थापना की। दोपहर में मां का भोग लगा, शाम आरती के बाद 2100 गुब्बारों से मन्दिर को सजाया गया। गुब्बारों से सजा माता का दरबार भी सुन्दरता फेल रही थी। पश्चिम बंगाल की प्रसिद्ध चन्दननगर की लाईट का लोग आनन्द ले रहे है। मन्दिर के आस-पास दूर तक लाईट सजी है लाईट के द्वारा कई झांकियां दिखाई जा रही है। मन्दिर के वरिष्ठ सचिव डा प्रभात कुमार मैती, अध्यक्ष गौतम भटटाचार्य ने बताया कि पंचमी से माता का श्रंगार फूलों से किया जायेगा। 17 अक्टूबर को अष्टमी पूजन सुबह 8ः31 मिनट तक होगी। संधि पूजन उसी दिन दोपहर 12ः03 से 12ः51 तक होगी। 18 को नवमी पर सुबह 6ः27 मिनट तक पूजन के बाद परंपरा के अनुसार दोपहर 2ः30 बजे अजय बोस एवं गोपी नाथ हालदार द्वारा आयोजित बंगाल से आए ढाकियों की दिलचस्प और पारंरिक विशाल प्रतियोगिता होगी। उसमें शहर कि विभिन्न दुर्गोत्सव समितियों में शामिल होने आए ढाकिये अपने फन का जादू बिखेर कर पुरस्कार हासिल करेंगे।
19 को दशमी पर 8ः31 पर दर्पण विसर्जन होगा। 24 की शाम को कोजागरी लक्ष्मी पूजन किया जाएगा। नवरात्री में प्रतिदिन सायं आरती के बाद व्रत का प्रसाद वितरित किया जाएगा। अष्टमी पर विशाल भंडारा दोपहर 2 बजे से होगा। 8 अक्टूबर को अमावस्या पर हवन पूजन भी होगा। मंदिर मार्ग से गुजरने वाले दुर्गा प्रतिमा विसर्जन जुलूस में शामिल लोगों का स्वागत छोला, बूंदी ही नहीं खासतौर से बंगाली तरिकेसे बनी घुगनी से किया जाएगा। वरिष्ठ सचिव डा0 प्रभात कुमार मैती ने बताया कि मंदिर में बली पूरी तरह से निषेध है। इसलिए वहां पूरे नवरात्र व्रतधारी पूजन अनुष्ठान में भाग ले सकेंगे। वहां मुख्य पुजारी रूपनाथ महापात्र संग अमित गोस्वामी और प्राण गोपाल मिश्र भी पूजन अनुष्ठान सम्पन्न करवाएंगे।