अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF ने 2018 के लिए भारत के ग्रोथ अनुमान को 7.3 फीसदी पर स्थिर रखा है। जबकि IMF ने वित्तीय वर्ष 2019 के लिए यह अनुमान 7.4 फीसदी कर दिया है। आपको बात दें कि वित्तीय वर्ष 2017 में भारत की विकास दर 6.7 फीसदी थी। IMF ने ताजा वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट में कहा है कि भारत की विकास दर वर्ष 2018 में 7.3 फीसदी रहने का अनुमान है और 2019 में यह 7.4 फीसदी रहेगी। हालांकि यह अप्रैल 2018 में वर्ष 2019 के लिए वर्ल्ड इकोनॉमिक आउटलुक रिपोर्ट से थोड़ा कम है। IMFने हाल के दिनों में कच्चे तेल की कीमतों में तेजी और वैश्विक अर्थव्यवस्था की हालत के वाबजूद यह वर्ष 2017 की दर 6.7 फीसदी से ऊपर रहेगा।MF ने कहा, ‘इंडियन इकॉनमी की ग्रोथ में तेजी बताती है कि करंसी एक्सचेंज को लेकर उठाए गए कदमों और जीएसटी के चलते बने ट्रांजिटरी शॉक से उबर रही है। इसमें उसे इनवेस्टमेंट में आ रही मजबूती और ठोस प्राइवेट कंजम्पशन से मदद मिल रही है।’ कैपिटल एक्सपेंडिचर ज्यादा होने के बावजूद फिस्कल इयर 2019 में अप्रैल के मुकाबले इनवेस्टमेंट कम रहने का अनुमान दिया गया है। आपको बात दें की आरबीआई ने शुक्रवार के मौद्रिक नीति समीक्षा में फिस्कल इयर 2019 के ग्रोथ फोरकास्ट को 7.4 फीसदी पर जस का तस रखा था। IMF का अनुमान है कि इंडिया का करंट अकाउंट डेफिसिट मौजूदा फिस्कल इयर में जीडीपी के 3 फीसदी पर आ सकता है। हालांकि 2020 में यह 2.5 फीसदी पर पहुंच जाएगा।
वहीं IMF का मानना है कि ट्रेड वॉर के बीच अमेरिका द्वारा लगाए गए प्रतिबंध चीन की रफ्तार पर लगाम लगा सकते हैं। IMF ने चीन की ग्रोथ का अनुमान 6.4 से घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है। IMF ने अपनी रिपोर्ट में ट्रेड वॉर के साये में अमेरिकी प्रतिबंधों से चीन पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी चिंता जताई है। IMF के मुताबिक अमेरिकी प्रतिबंध चीन की रफ्तार को थाम सकते हैं। IMF ने 2018 के लिए चीन के ग्रोथ अनुमान को 6.6 पर स्थिर रखा है। लेकिन 2019 के लिए ग्रोथ अनुमान 6.4 से घटाकर 6.2 फीसदी कर दिया है।