दो दिन की यात्रा पर भारत आए रूस के राष्ट्रपति ब्लामिदिर पुतिन और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हैदराबाद हाउस में बैठक शुरू हो गई है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, दोनों देशों के बीच 20 से ज्यादा समझौतों पर दस्तखत हो सकते हैं, जिसमें रूस की S-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम डील सबसे अहम है। अगर दोनों देशों के बीच यह डील हो जाती है तो पाकिस्तान से लेकर चीन तक भारत का सामने बौने साबित होंगे।आपको बता दें कि जब से रूस में ब्लामिदिर पुतिन ने कमान संभाली, तब से रूस लगातार हथियारों के मामले में अमेरिका पर भारी साबित होता जा रहा है। आज हालात ये हैं कि रूस ने ऐसे गुप्त हथियार बना लिए हैं जो ना सिर्फ अमेरिका के लिए सिरदर्द बनते जा रहे हैं, बल्कि 23 देशों से बना नाटो भी रूस की ताकत देखकर कांपने लगा है जो हालात इस वक्त दुनिया में बनते जा रहे हैं। उससे ऐसा लगने लगा है कि रूस अब विश्व विजेता बनने जा रहा है।
S-400 मिसाइल
रूस की एस-400 मिसाइल एस-300 एमयू-3 का मॉर्डन वर्जन है। इस मिसाइल की स्पीड अब 18 हजार किमी प्रति घंटा कर दी गई है यानी कि इसे राडर जब तक पकड़ेंगे, तब तक उस जगह तबाही मचा चुकी होगी। एस-400 मिसाइल, 400 किमी के दायरे में किसी भी टार्गेट को निशाना बना सकती है। रिपोर्ट के अनुसार रूस अब भी इसे और आधुनिक रूप देने की कोशिश में लगा हुआ है, जो जानकारियां छन-छन आ रही हैं, उसके हिसाब से एस-500 मिसाइल सिस्टम, रुस के मिसाइल सिस्टम का सबसे घातक हथियार प्रणाली बनने जा रहा है। एस-400 मिसाइल सिस्टम में 6 सौ किलोमीटर की टोही क्षमता है और 4 सौ किमी की मारक क्षमता है। एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम का निर्माण रूस की सरकारी कम्पनी ‘अल्माज़ अन्तेय’ ने किया है। इसे 2007 में रूसी सेना में शामिल किया गया था। एस-400 मिसाइल प्रणाली एक निश्चित संख्या में राडारों, मिसाइल लांचरों और कमान चौकियों से मिलकर बनी होती है। हर एस-400 मिसाइल प्रणाली सौ से लेकर 3 सौ तक लक्ष्यों पर नज़र रख सकती है। एस-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम प्रणाली सौ किलोमीटर की मारक क्षमता के भीतर 36 लक्ष्यों को एक साथ निशाना बना सकती है।
अमेरिका रूस के एस-400 मिसाइस डिफेंस सिस्टम से इसलिए कांपता है, क्योंकि अमेरिका का सबसे आधुनिक लड़ाकू जेट एफ-35 भी इसकी नजरों से ना तो छिप सकता है और ना ही इसके हमले बच सकता है। एस-400 एक बार में अमेरिका के 6 एफ-35 लड़ाकू विमानों से एक साथ निपट सकता है। ये रुस का अब तक का सबसे घातक मिसाइल डिफेंस सिस्टम है, जिसकी काट अमेरिका के पास तक नहीं हैं।
सुखोई-एसयू-35