- छह हजार से अधिक प्रतिनिधि लेंगे हिस्सा
लखनऊ। उप्र की राजधानी लखनऊ में पहली बार कल से इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल का आयोजन होने जा रहा है। आठ अक्टूबर तक चलने वाले इस फेस्टिवल में देश भर के छह हजार से ज्यादा प्रतिनिधि हिस्सा लेंगे।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्द्धन के साथ संयुक्त प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि प्रदेश की राजधानी को पहली बार इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल की मेजबानी मिली है। सरकार ने इसे एक अनोखे इवेंट के रूप में प्रस्तुत करने में पूरा सहयोग दिया है। उन्होंने कहा कि कल से आठ अक्टूबर तक यह चार दिवसीय आयोजन किया गया है। यह खुद में उत्तर प्रदेश के लिये एक अवसर है। साथ ही यह नौजवानों, छात्र-छात्राओं, नवोदित वैज्ञानिकों के लिये देश दुनिया में हो रहे नवोन्मेष को जानने का अवसर होगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस फेस्टिवल में कुल 6000 डेलीगेट्स और ढाई हजार से ज्यादा छात्र-छात्राएं प्रतिभाग करेंगे। साथ ही लखनऊ तथा उसके आसपास के विद्यालयों के बच्चे भी स्पेशल विजिट करेंगे। इससे उनमें जानने और सीखने का भाव जाग्रत होगा। उन्होंने कहा कि इस साइंस फेस्टिवल के अवसर पर 3000 से ज्यादा बच्चे फस्र्ट एड के बारे में विशेष प्रशिक्षण दिया जाएगा। राज्य सरकार ने केन्द्र से मिलकर इसकी पूरी तैयारी कर ली है। इस अवसर पर विभिन्न अतिथियों, जिनमें केन्द्रीय मंत्री तथा अन्य राज्यों के विशिष्ट जन होंगे, उन्हें राज्य सरकार ने राजकीय अतिथि का दर्जा दिया है।
केन्द्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्री डा. हर्षवर्द्धन ने इस अवसर पर कहा कि हमने इस आयोजन के लिये पिछले एक महीने में 77 शहरों में आउटरीच कार्यक्रम किये, जिनमें पांच हजार से लेकर 15 हजार तक वैज्ञानिकों और विद्यार्थियों ने हिस्सा लिया। हमने बड़े शहरों में कर्टेन रेजर इवेंट किये। उन्होंने कहा कि लखनऊ में आयोजित होने वाले इंडिया इंटरनेशनल साइंस फेस्टिवल में 200 से ज्यादा इनोवेशन को यहां दिखाया जाएगा। इससे बच्चों को प्रेरणा मिलेगी। यह महिला उद्यमियों के लिये विशेष आयोजन होगा। इसमें 800 महिला उद्यमी हिस्सा लेंगे। हर्षवर्द्धन ने कहा कि फेस्टिवल में पर्यावरण से जुड़े विषयों का भी समावेश किया है। इस कार्यक्रम में पर्यावरण विशेषज्ञ भी हिस्सा लेंगे।